बिहार विधानसभा में सोमवार को राज्य का बजट 2025-26 पेश किया गया। एक दिन बाद यानी मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच जमकर नोकझोंक हुई। सदन में मुख्यमंत्री नीतीश और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस हो गई। इस दौरान सीएम ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को लेकर बड़ा दावा किया।   

 

सीएम नीतीश कुमार ने राजय अध्यक्ष लालू प्रसाद को लेकर कहा, 'पहले बिहार में क्या था? तुम्हारे (तेजस्वी यादव) पिता को मैंने ही बनाया है। आपकी जाति के लोग भी मुझसे पूछ रहे थे कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं, लेकिन मैंने फिर भी उनका समर्थन किया।' 

 

पहले बिहार में क्या था?

 

सीएम नीतीश ने कहा कि पहले बिहार में क्या था? बिहार में छह सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल थे। नीतीश कुमार ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि ये राजद उस समय (लालू राज) गड़बड़ कर रहे थे। ये लोग पिछड़ा-अति पिछड़ा को बंद करके केवल पिछड़ा करना चाहते थे, जिसका हमने विरोध किया। हमने कहा कि यह सब फालतू बात है। इस वजह से 1994 में हम अलग हो गए।

 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि बिहार में पहले शाम के बाद कोई घर से नहीं निकलता था। अब रात के 11 बजे तक चाहे लड़का हो या लड़की या महिला ही क्यों न हो सब बाहर निकलते हैं। हमने हर क्षेत्र में काम किया है। 

 

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लोकतंत्र को खत्म करने में जुटी बीजेपी- तेजस्वी

 

दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव ने भी सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार लगातार संविधान और लोकतंत्र को खत्म करने में जुटी है। राजद नेता ने कहा, 'हताश, निराश, थके हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास अब कहने के लिए कुछ नया नहीं है, ठीक उसी तरह जिस तरह से उनके पास अब करने के लिए भी कुछ नया नहीं है! बस अपना वही घिसा पिटा राग अलापते रहते हैं! नीतीश कुमार और बीजेपी का सरकार में रह जाने का मतलब है बिहार का अतीत में रह जाना! तेजस्वी सरकार ही बिहार के लिए बिहार को भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं!'

 

उन्होंने कहा, 'एक तरफ दल बदलू उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तो दूसरी तरफ व्याकुल उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, दोनों सरकार में एक दूसरे को आपस में ही पटखनी देने में लगे रहते हैं! सरकार का क्या काम है, मंत्रियों का क्या दायित्व है। इससे दोनों महानुभावों और सरकार में बैठे किसी दल को कोई मतलब नहीं है!'