बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच, नीतीश कुमार सरकार ने एक बड़े प्रशासनिक बदलाव के तहत 47 भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों का तबादला किया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इस फेरबदल में 17 जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) को बदला गया है, साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारियों को पदोन्नति देकर नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। सरकार का मानना है कि यह कदम चुनावी तैयारियों को मजबूत करने और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

 

पटना के नए जिलाधिकारी के रूप में 2011 बैच के आईएएस अधिकारी त्यागराजन एसएम को नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह गया जिले के डीएम थे। वहीं, लंबे समय तक पटना के डीएम रहे 2010 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह को प्रमोशन देकर पटना प्रमंडल का कमिश्नर बनाया गया है। इस बदलाव में कुल पांच आईएएस अधिकारियों को उच्च पदों पर पदोन्नति दी गई है। इनमें दरभंगा के डीएम राजीव रौशन, मुंगेर के डीएम अवनीश कुमार सिंह, पश्चिम चंपारण के डीएम दिनेश कुमार राय और समेकित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के निदेशक कौशल किशोर शामिल हैं। इन अधिकारियों को अब प्रमंडल आयुक्त जैसे बड़े पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

 

5 नए प्रमंडल आयुक्त

  • राजीव रौशन- सारण प्रमंडल आयुक्त

  • कौशल किशोर- दरभंगा प्रमंडल आयुक्त

  • चंद्रशेखर सिंह- पटना प्रमंडल आयुक्त

  • राजकुमार- तिरहुत प्रमंडल आयुक्त

  • अवनीश कुमार सिंह- मुंगेर प्रमंडल आयुक्त

17 जिलों में नए डीएम

इस फेरबदल में 17 जिलों के डीएम बदले गए हैं। नई नियुक्तियों में विद्यानंद सिंह को बक्सर, नवीन कुमार को खगड़िया, श्री नवीन को जमुई, शशांक शुभंकर को गया, अरविंद कुमार वर्मा को मुंगेर, कुंदन कुमार को नालंदा, कौशल कुमार को दरभंगा, धर्मेंद्र कुमार को पश्चिम चंपारण, आनंद शर्मा को मधुबनी, नवदीप शुक्ला को बांका, पवन कुमार सिंह को गोपालगंज, सुनील कुमार को कैमूर, आदित्य प्रकाश को सिवान, वर्षा सिंह को वैशाली और अंशुल कुमार को पूर्णिया का डीएम बनाया गया है। यह बदलाव प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।


जोरों पर चुनावी तैयारियां

बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने की संभावना है, क्योंकि नीतीश सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है। इस बीच, नीतीश सरकार का यह प्रशासनिक फेरबदल चुनावी तैयारियों को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

 

सियासी माहौल गर्म

बिहार की सियासत में हलचल तेज है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही गठबंधन अपनी-अपनी रणनीतियां बना रहे हैं। नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सीट बंटवारे और मतदाता संपर्क की तैयारियां शुरू कर दी हैं। दूसरी ओर, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी दल भी सक्रिय हैं। इस प्रशासनिक फेरबदल को नीतीश सरकार का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है, जिससे वह चुनावी मैदान में मजबूत स्थिति बनाना चाहती है।