बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) की परीक्षा को लेकर बिहार के छात्रों ने शुक्रवार को पटना में जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया। प्रदर्शन के दौरान मशहूर शिक्षक 'खान सर' भी छात्रों के बीच नजर आए और वह माइक लेकर छात्रों को उकसाते भी रहे। बाद में पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया। 'खान सर' को गर्दनीबाग थाने ले जाकर हिरासत में रखा गया था और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। बताया गया कि यह मामला उत्तर प्रदेश के छात्रों द्वारा प्रयागराज में किए गए आंदोलन जैसा ही है। बिहार के छात्र भी मांग कर रहे हैं कि BPSC की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन न हो और परीक्षा एक ही पाली में कराई जाए। ऐसी ही मांगों को लेकर प्रयागराज में हुए प्रदर्शन के बाद सरकार ने छात्रों की बात मान ली थी।
रोचक बात यह है कि यह प्रदर्शन BPSC के एग्जाम पैटर्न में संभावित बदलाव को लेकर हुआ। प्रदर्शनकारी छात्र मांग कर रहे थे कि परीक्षा एक शिफ्ट में हो और पेपर एक ही हो, जिससे नॉर्मलाइजेशन लागू न होने पाए। इसी मांग को लेकर पटना में BPSC कार्यालय के बाहर पहुंचे छात्रों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। शाम को BPSC के अध्यक्ष रवि मनु भाई परमार ने इसको लेकर बयान जारी किया।
BPSC के अध्यक्ष ने कहा, 'जब नॉर्मलाइजेशन लागू ही नहीं हुआ तो विरोध ही गलत है। विज्ञापन में सभी चीजों की जानकारी दी गई थी। तैयारी छोड़कर प्रदर्शन करना गलत है। पहले से ही तय है कि एक शिफ्ट और एक ही दिन में परीक्षा ली जा रही है तो भ्रमित करना और कराना भी गलत है। एडमिट कार्ड ही सारे भ्रम को खत्म करने के लिए काफी है।' BPSC के सचिव सत्य प्रकाश ने भी कहा कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा, इसको लेकर सिर्फ अफवाह फैलाई जा रही है।
क्या बोले खान सर?
प्रदर्शनकारी छात्रों को वहां से हटाने के लिए स्पेशल एग्जीक्यूटिव मैजिस्ट्रेट एम एस खान ने अपील की थी कि वे वहां से हट जाएं। इस बारे में एम एस खान ने कहा, 'प्रदर्शनकारियों को जगह छोड़नी पड़ेगी। मुझे नहीं पता था। खान सर को हिरासत में लिया गा था और अब उनको छोड़ा गया है। मुझे नहीं पता है कि उन्हे कहां ले जाया जा रहा था।' प्रदर्शन के बारे में खान सर ने कहा कि इन प्रदर्शनकारियों का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और वह जो भी उनकी मांग सुनेगा वे उसी के साथ खड़े रहेंगे।
खान सर ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'सिर्फ एक हफ्ते का समय बचा है। कितने दुर्भाग्य की बात है कि चाणक्य की धरती पर हमें अपने अधिकार के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है, वह भी परीक्षा से एक हफ्ते पहले। हम यही चाहते हैं कि BPSC के अध्यक्ष सिर्फ इतना कह दें कि कोई नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा और परीक्षा एक पाली में एक ही पेपर के साथ होगी। प्रक्रिया अच्छी हो सकती है लेकिन उसे लागू करने वाला व्यक्ति भी अच्छा होना चाहिए। जब तक नॉर्मलाइजेशन पर वादा नहीं हो जाता, हम यहां से नहीं हटेंगे।'
बता दें कि BPSC की 70वीं सिविल सेवा परीक्षा 13 दिसंबर को होनी है। 36 जिलों के 925 परीक्षा केंद्रों पर इसका आयोजन होगा। इस परीक्षा में लगभग 4.8 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। एक-दो दिन में परीक्षार्थियों को उनके एग्जाम सेंटर की जानकारी मिल जाएगी। ई-एडमिट कार्ड आज से डाउनलोड होना शुरू हो जाएगा।