पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। पुलिस ने हिंसा में शामिल 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। जिले की हालत को देखते कोलकाता हाई कोर्ट ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती का आदेश दिया है।
मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी प्रदर्शन से कथित रूप से जुड़ी हिंसक झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई है। जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करने के लिए मुर्शिदाबाद के प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ की तैनाती का आदेश दिया।
अगली सुनवाई 17 अप्रैल को
केंद्रीय बल राज्य सरकार के साथ मिलकर और समन्वय करके काम करेगी। हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार और केंद्र सरकार दोनों को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित की गई है।
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शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर तत्काल सुनवाई
वहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस ने जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की विशेष पीठ का गठन किया था। याचिका में जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती किये जाने का अनुरोध किया गया था। राज्य के वकील ने कोर्ट को बताया कि मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित सुती, धुलियान और शमशेरगंज इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सात कंपनियां तैनात की गई हैं।
अधिकारी के वकील ने हालांकि आरोप लगाया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ कर्मियों को उचित तरीके से तैनात नहीं किया जा रहा है। पीठ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को अवकाश के दिन याचिका पर सुनवाई की।