छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कुर्रगुट्टालू पहाड़ (KGH) पर सुरक्षा बलों ने 21 दिनों तक चले 'ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट' में 31 नक्सलियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन में CRPF, STF और DRG के जवानों ने बिना किसी हताहत के मिशन को सफल बनाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे #NaxalFreeBharat के संकल्प में ऐतिहासिक सफलता बताते हुए जवानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस पहाड़ पर कभी नक्सलियों का राज था, जहां PLGA बटालियन 1, DKSZC, TSC और CRC जैसी नक्सली संस्थाओं का मुख्यालय था, अब वहां तिरंगा लहरा रहा है। ऑपरेशन में चार हथियार निर्माण इकाइयां नष्ट की गईं और भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक व सामग्री बरामद हुई। 28 नक्सलियों की पहचान हो चकी है, जिनमें 16 महिलाएं और 15 पुरुष शामिल हैं।
अमित शाह ने दी जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर शाह की पोस्ट का हवाला देते हुए कहा, 'सुरक्षा बलों की यह सफलता दर्शाती है कि नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने की दिशा में हमारा अभियान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।'
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नक्सलियों का मुख्य अड्डा खत्म
सीआरपीएफ के महानिदेशक जीपी सिंह ने बीजापुर में संवाददाताओं से कहा, 'यह नक्सलियों का मुख्य अड्डा था। यहां करीब 300-350 नक्सली बसे हुए थे और यहीं से अपनी गतिविधियां चला रहे थे। इतने सालों में यह सुरक्षा बलों के लिए वर्जित क्षेत्र था।'अभियान में शामिल जूनियर कर्मियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बलों ने बंदूकें, ग्रेनेड और अंडर-बैरल ग्रेनेड लांचर बनाने वाली फैक्ट्रियों का पता लगाया, जिसमें उत्पादन सुविधाओं को चलाने के लिए जनरेटर भी लगे हुए थे।
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18 सुरक्षाकर्मी घायल
सुरक्षाकर्मियों ने पहाड़ियों में लगाए गए करीब 450 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) भी बरामद किए। ऑपरेशन के दौरान 15 ऐसे डिवाइस फट गए, जिनका पता नहीं चल पाया और 18 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। किसी सुरक्षाकर्मी के हताहत होने की खबर नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि 21 दिनों के अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के साथ 21 अलग-अलग मुठभेड़ों में हिस्सा लिया। जंगल की दुर्गम और घनी प्रकृति का वर्णन करते हुए एक अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के दौरान उन्हें एक भालू का भी सामना करना पड़ा।