पुडुचेरी क्राइम ब्रांच ने एक बड़े साइबर क्राइम नेटवर्क का खुलासा किया है। यह नेटवर्क एक इंजीनियरिंग कॉलेज के अंदर चलाया जा रहा था। यह रैकेट इतना बड़ा था कि जांच कर रहे अधिकारियों ने इस कॉलेज को साइबर क्राइम का हॉटस्पॉट बताया है। पुलिस ने बताया कि इस रैकेट में छात्र अपने साथियों के बैंक खाते साइबर अपराधियों को बेचते थे। इन खातों के जरिए साइबर अपराधी भारत के जरिए ठगे हुए पैसे को सफेद करते थे और फिर दुबई और चीन के नेटवर्क के जरिए क्रिप्टोकरेंस में बदल देते थे। साइबर क्राइम के इस मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

 

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब इंजीनियरिंग के दो छात्रों ने पुलिस में बैंक अकाउंट बंद होने की शिकायत दर्ज करवाई। दिनेश और जय प्रताप नाम के दो छात्रों ने पुलिस को बताया कि वे अपने अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन उनके अकाउंट अचानक फ्रीज कर दिए गए। दोनों छात्रों ने बताया कि उन्होंने अपनी बैंक डिटेल्स अपने दोस्त हरीश के साथ शेयर की थी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू हुई और साइबर क्राइम के इस रैकेट का खुलासा हुआ। 

 

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जांच में हुआ खुलासा

पुलिस को शुरुआत में तो यह मामला आम ठगी का लगा था लेकिन जब जांच हुई तो एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ। पुलिस को जांच में पता चला कि साइबर ठगी के जरिए ठगे गए रुपयों को जमा करने के लिए इन खातों का इस्तेमाल 'डंकी अकाउंट' के तौर पर किया जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि इन खातों से कम से कम 7 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। आरोपी हरीश ने कॉलेज के करीब 20 छात्रों के अकाउंट डिटेल्स लिए थे। इन सभी अकाउंट्स से पैसा निकाला गया था। 

 

इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। पुलिस ने बताया कि आरोपी थॉमस उर्फ हयग्रीव, हरीश, गणेशन, गोविंदराज, यशविन, राहुल और अय्यप्पन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इनके पास से 5 लाख रुपये नकद, 171 चेकबुक, 75 एटीएम कार्ड, 20 मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, कई बैंक पासबुक, क्रेडिट कार्ड और एक कार जब्त की है।  

साइबर क्राइम के इंटरनेशनलन कनेक्शन

पुडुचेरी के एसएसपी (साइबर क्राइम) नित्या राधाकृष्णन ने बताया कि यह कार्रवाई सिर्फ डंकी अकाउंट्स के खिलाफ ही नहीं है बल्कि उन सभी के खिलाफ है जो ऑनलाइन धोखाधड़ी रैकेट्स की मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने ना सिर्फ अकाउंट के मालिकों को बल्कि इन अकाउंट्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट को भी पकड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर क्राइम के यह रैकेट इंटरनेशनल लेवल पर चलाए जा रहे हैं और सीमा पार ठगी के पैसों को क्रिप्टो में बदला जाता है। उन्होंने लोगों से सावधान रहने की अपील भी की है। 

 

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प्राइवेसी का रखें ध्यान

इस मामले के खुलासे के बाद अब पुलिस ने लोगों से अपनी बैंक डिटेल्स या एटीएम से जुड़ी किसी भी जानकारी को शेयर ना करने की अपील की है। अगर आप अपने दोस्तों के साथ या फिर किसी अन्य के साथ अपनी डिटेल्स शेयर करते हैं तो इसके कारण आप किसी ऐसे क्राइम में फंस सकते हैं जो आपने किया भी ना हो। इसके अलावा बैंक डिटेल्स शेयर करने से आपके साथ धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है। पुलिस ने बैंक अकाउंट, ऑनालाइन बैंकिग और अन्य डिटेल्स को किसी से भी शेयर ना करने की अपील की है ताकि इस तरह के क्राइम से बचा जा सके।