राजधानी दिल्ली के एक नामी-गिरामी स्कूल ने बढ़ी हुई फीस न भरने पर 31 छात्रों को निकाल दिया है। छात्रों के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि फीस न भर पाने के कारण उनके बच्चों को स्कूल में एंट्री नहीं दी जा रही है। पैरेंट्स ग्रुप ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि बकाया फीस जमा करने के बावजूद बच्चों को स्कूल में आने से रोका जा रहा है।
बयान में दावा किया गया है कि अप्रैल 2025 की फीस चेक के जरिए दी थी लेकिन स्कूल ने इसे अब तक बैंक में जमा नहीं किया है। इसलिए मई की फीस नेट बैंकिंग के जरिए दी गई। पैरेंट्स ग्रुप का कहना है कि अप्रैल के चेक अभी तक स्कूल में पड़े हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर फीस ही मुद्दा थी तो चेक को जमा क्यों नहीं किया गया।
पैरेंट्स ने दर्ज कराई शिकायत
यह मामला दिल्ली के द्वारका में बने दिल्ली पब्लिक स्कूल का बताया जा रहा है। पैरेंट्स ग्रुप ने बयान जारी कर कहा, 'यह पहली बार नहीं हो रहा है। माता-पिता सालों से इस प्रेशर को झेल रहे हैं।' इसे लेकर माता-पिता ने डायरेक्टोरेट ऑफ एजुकेशन (DEO) और स्थानीय अधिकारियों के सामने लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
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पिछले महीने आया था हाईकोर्ट का फैसला
पिछले महीने ही 17 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर चिंता जताई थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ निर्देश दिया था कि कोई भी स्कूल फीस न भर पाने पर छात्र को क्लास में आने से न तो रोक सकते और न ही किसी सुविधा से वंचित कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने समय-समय पर DEO और कलेक्टर को स्कूलों का निरीक्षण करने और किसी भी उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
स्कूल ने टिप्पणी करने से किया इनकार
पैरेंट्स ग्रुप ने अपने बयान में आरोप लगाया है कि अफसरों की ओर से सही कार्रवाई न किए जाने के कारण स्कूलों को ऐसी मनमानी करने का मौका मिलता है।
इस पूरे मामले पर स्कूल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। वहीं, अभी तक शिक्षा विभाग की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
इससे पहले प्राइवेट स्कूलों में फीस की मनमानी को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बिल लाने की घोषणा की थी। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी। इस बिल के कानून बनने के बाद प्राइवेट स्कूल मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे।