उत्तर प्रदेश में इन दिनों अगर कहीं आसमान में मडंराते ड्रोन दिख जा रहे हैं लोग अपने-अपने घरों में दुबक जा रहे हैं। ड्रोन को लेकर ठीक उसी तरह की बातें कहीं जा रही हैं, जैसे 1990 से 2000 के दशक में मुंहनोंचवा के बारे में लोग कर रहे थे। लोगों का कहना है कि पहले ड्रोन आता है, फिर ड्रोन से रेकी होती है, उसके बाद लुटेरे आते हैं और घर लूटकर चले जाते हैं। यह खबरें किसी एक जिले की नहीं हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक के लोगों में चर्चा है कि आखिर ये ड्रोन आ कहां से रहे हैं, कौन इन्हें ऑपरेट कर रहा है। कोई कह रहा है कि ड्रोन से चोरों ने रेकी की है, अब डकैती होगी, किसी का कहना है कि किसी बड़े हमले की तैयारी है। कुछ जगहों पर तो ड्रोन को लेकर 'कच्छा-बनियान गिरोह' जैसी अफवाहें फैली हैं। लोगों का कहना है कि ये ड्रोन गैंग बड़ी वारदात को अंजाम देगा।
क्या दावे किए जा रहे हैं?
मेरठ, सुल्तानपुर, अमेठी, प्रयागराज से लेकर सिद्धार्थनगर तक ड्रोन देखे जाने के दावे किए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि मध्य प्रदेश से भागे हुए कुछ उत्तर प्रदेश आ गए हैं। वे रात में ही ड्रोन उड़ाकर उन घरों की रेकी करते हैं, जहां कम लोग रहते हैं। उन्हीं घरों में सुनसान पाकर चोर घुसते हैं और चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं।
हाई टेक चोरों के बारे में कहा जा रहा है कि ये जमीन से करीब 100 मीटर की ऊंचाई पर पहले ड्रोन उड़ातें है फिर लाइट डिम कर देते हैं और घरों के अंदर भी रेकी करते हैं। जैसे ही किसी संपन्न इंसान का घर देता है, चोर सक्रिय हो जाते हैं और चोरी करके फरार हो जाते हैं। बीते एक महीने से ऐसी खबरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं।
सिद्धार्थनगर के कई इलाकों में ड्रोन देखने के दावे किए गए हैं। रुद्रपुर, तीवर, मनोहरी, चेतिया, परिगंवा जैसे कई गांव हैं, जहां ड्रोन देखे जाने के दावे किए गए हैं। ऐसा ही हाल मेरठ का भी है। मेरठ के परतापुर इलाके में भी ऐसे ही दावे किए गए हैं। गोरखपुर के भी कई गांवों में ऐसे दावे किए गए हैं। बस्ती में भी ऐसे ही दावे किए जा रहे हैं।
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क्यों ऐसे दावे कर रहे हैं लोग?
सोशल मीडिया और के इस जमाने में अफवाहें तेजी से फैलती हैं। यूपी में ही कई इलाके बाढ़ ग्रस्त हैं। सर्वे के लिए पुलिस और बचावकर्मी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ जगहों पर लोग वीडियोग्राफी के लिए भी ड्रोन उड़ा रहे हैं। कहीं-कहीं पुलिस भी निगरानी के लिए इस्तेमाल की जा रही है। कुछ जगहों पर लोग शरारत के लिए पक्षियों के पैरों में लाइट बांध दे रहे हैं। कुछ जगहों पर लाइट भरकर गुब्बारे उड़ाए गए हैं। ये शरारतें, अफवाहों को हवा देने के लिए की जा रही हैं। यूपी के मुजफ्फरनगर के ककरौली गांव में दो युवकों को पुलिस ने इन्हीं आरोपों में गिरफ्तार किया है।
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सच क्या है, पुलिस क्या कह रही है?
ड्रोन से चोरी की खबर अफवाह है। पुलिस इसे कहीं खिलौना बता रही है, कहीं दावा है कि कबूतरों के पैरों में लाइट बांधकर उड़ाया गया है, कुछ जगहों पर दावा किया गया है कि नदियों का सर्वे हो रहा है, कुछ जगहों पर कहा गया है कि यह सरकार के जमीन सर्वे का आदेश है।
- रामपुर पुलिस: टांडा इलाके में ड्रोन देखा गया, वह खिलौना था। रात में पेट्रोलिंग की जा रही हैं। किसी को चोरी के शक में रोककर पीटें न। कुछ लोग रील बनाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- मेरठ पुलिस: नदियों का सर्वे ड्रोन से हो रहा है। नदियों के अलावा, सभी को प्रदेश की ड्रोन नीति का पालन करना होगा। अगर कोई बिना इजाजत ड्रोन उड़ाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- सिद्धार्थनगर: प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि यूपी की ड्रोन नीति का पालन अनिवार्य होगा। अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर कहीं अनजान ड्रोन देखे जाते हैं तो तत्काल पुलिस से शिकायत करें।
यूपी की ड्रोन नीति क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने ड्रोन ऑपरेशन सिक्योरिटी पॉलिसी, 2023 में तैयार की थी। ड्रोन के नाम पर दहशत फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सरकार ने सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। यूपी के पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने सभी जिलों को ड्रोन पर दिशा-निर्देश जारी किए थे। ये नीतिया हैं-
- ड्रोन से दहशत फैलाने वालों के विरुद्ध गैंगस्टर और NSA के तहत एक्शन हो।
- 24 घंटे अफवाह वाले क्षेत्रों में पेट्रोलिंग की जाए।
- ड्रोन और ड्रोन पायलट का रजिस्ट्रेशन किया जाए।
- ड्रोन प्रचालन सुरक्षा नीति-2023 में तय प्राविधानों के हिसाब से कर्रवाही की जाए।
- कोई एजेंसी अगर एरियल सर्वे कर रही है तो पुलिस थाने को सूचना दे।
- जिला पुलिस कंट्रोल रूम के जरिए अवैध ड्रोन की निगरानी होगी, ड्रोन मालिक के खिलाफ एक्शन होगा।
- हर जिले में ड्रोन रजिस्ट्रेशन रजिस्टर होगा। ड्रोन का रजिस्ट्रेशन नंबर, ड्रोन मैकेनिक का विवरण दर्ज किया जाएगा।
अगर ड्रोन दिखे तो क्या करें?
- कोई संदिग्ध वस्तु अथवा ड्रोन दिखाई दे तो UP पुलिस को 112 पर कॉल करें।
- कोई अफवाह न फैलाएं, न फैलने दें।