राजस्थान पुलिस को ढाई साल की मशक्कत के बाद एक शातिर हेरोइन तस्कर को पकड़ने में सफलता मिली है, जो उज्जैन में 'अघोरी' बनकर रह रहा था। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने सिर्फ हुलिया ही नहीं बदला, बल्कि अपना नाम और जीवनशैली तक बदल दी थी। सोमवार को पुलिस ने उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी की पहचान पूर्णराम शर्मा उर्फ ‘पूर्ण अघोरी’ (40) के रूप में हुई है, जो श्रीगंगानगर जिले के विजयनगर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। एनडीपीएस एक्ट समेत उस पर कई गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। अब उसे हनुमानगढ़ लाया गया है, जहां उस पर लंबी पूछताछ चल रही है।
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ध्यान भटका कर साधू बना
पूर्णराम पहले एक ड्रग नेटवर्क का अहम हिस्सा था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई की भनक लगते ही फरार हो गया। उसके खिलाफ 14 मार्च 2023 को दर्ज एक केस के बाद गिरफ्तारी की कोशिशें शुरू हुई थीं। उस केस में हनुमानगढ़ पुलिस ने नवीन कुमार, ताराचंद और सुरेन्द्र उर्फ छिन्दा को पकड़ा था, जिनके पास से 115 ग्राम हेरोइन मिली थी।
पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि यह नशा पूर्णराम से खरीदा गया था। इसके बाद से ही वह अंडरग्राउंड हो गया। लेकिन उसने केवल छुपने का रास्ता नहीं चुना। उसने अपनी पूरी पहचान मिटाकर एक अलग ही जीवन अपना लिया था।
शक्तिपीठों को बनाया छिपने का अड्डा
जानकारी के मुताबिक, फरार होने के बाद पूर्णराम ने 'अघोरी' का रूप धारण किया, जटा-जूट, भस्म और तांत्रिक वेश में रहने लगा। उसने उज्जैन के महाकाल मंदिर क्षेत्र को अपना पहला ठिकाना बनाया और वहीं से तंत्र साधना शुरू की। यहां उसने ‘पूर्ण अघोरी’ नाम से चेले भी बनाए और एक आध्यात्मिक पहचान बनानी शुरू की।
इसके बाद वह देश के विभिन्न तांत्रिक स्थलों, जैसे तारापीठ (पश्चिम बंगाल), कामाख्या देवी मंदिर (असम), नीलांचल पर्वत, और काशी के काल भैरव मंदिर में साधना करता रहा। माना जा रहा है कि उसने ‘सिद्धि प्राप्ति’ के लिए 100 से अधिक शवों के साथ तंत्र क्रियाएं भी कीं। आखिरकार वह वापस उज्जैन आ गया और वहीं एक तांत्रिक के रूप में जीवन जीने लगा, लेकिन पुलिस की नज़रें उस पर बनी रहीं।
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NDPS के कई केस
पुलिस के अनुसार, पूर्णराम शर्मा उर्फ पूर्ण अघोरी पर एनडीपीएस एक्ट के तहत पहले से दो मुकदमे दर्ज हैं। वह श्रीगंगानगर जिले के कई मामलों में वांछित रहा है। वह वार्ड नंबर 3, चक 26 जीबी का निवासी है जो कि थाना विजयनगर में पड़ता है। उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि उसने न सिर्फ अपना भेष बल्कि जीवनशैली भी बदल ली थी।