प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को मीठी नदी स्कैम केस में मुंबई और कोच्चि समेत 15 जगहों पर छापेमारी की है। छापेमारी में बॉलीवुड अभिनेता डीनो मोरिया और उनके भाई का मुंबई स्थित घर भी शामिल है। ईडी की यह कार्रवाई मीठी नदी की गाद निकालने और इसमें सरकार को हुए करोड़ों के नुकसान से संबंधित है। आरोप है कि इस धोखाधड़ी से बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी को 65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

 

ईडी ने मीठी नदी की गाद निकालने में शामिल रहे ठेकेदारों और बिचौलियों के परिसरों पर भी छापेमारी की है। यह जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने हाल ही में डीनो मोरिया से इस केस के बारे में पूछताछ की थी। एजेंसी ने घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए बीएमसी के अधिकारियों और ठेकेदारों सहित 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

 

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मीठी नदी का मामला क्या है? 

दरअसल, आर्थिक अपराध शाखा मीठी नदी की गाद निकालने में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है। इसको लेकर आर्थिक अपराध शाखा ने कुछ बीएमसी अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। ईडी इसी एफआईआर के आधार पर अनियमितताओं की जांच कर रही है। आरोप है कि इससे बीएमसी को 65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

 

डीनो मोरिया पर क्या है आरोप?

बता दें कि 29 मई को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की एसआईटी ने डीनो मोरिया और उनके भाई सैंटिनो मोरिया से पांच घंटे तक पूछताछ की थी। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि डीनो मोरिया और मुख्य आरोपी केतन कदम और जयेश जोशी के बीच वित्तीय लेनदेन हुई है। इसके साथ ही एसआईटी ने तीनों आरोपियों के बीच कई महत्वपूर्ण सुरागों का भी खुलासा किया है।

 

अब तक गिरफ्तार किए गए 13 लोगों में से दो मुख्य आरोपी केतन कदम है। केतन वोडर इंडिया एलएलपी के बिचौलिए और निदेशक है। इसके अलावा, विर्गो स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड के जयेश जोशी भी आरोपी है। यह कंपनी कथित तौर पर नदी से गाद निकालने के काम में शामिल ठेकेदारों को गाद निकालने वाली मशीनें और अन्य उपकरण मुहैया कराती थी।

बीएमसी को धोखा देने की साजिश

कथित तौर पर आरोपियों ने साल 2021 ऍर 2023 के बीच मीठी नदी से गाद निकालने, परिवहन और डंपिंग में अनियमितताएं करके बीएमसी को धोखा देने की साजिश रची। मीठी नदी मुंबई से होकर बहती है और अरब सागर में जाकर मिल जाती है। आरोप है कि विशेष ड्रेजिंग उपकरण किराए पर लेने के टेंडर में कुछ आपूर्तिकर्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए हेरफेर किया गया था।

 

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बता दें कि महाराष्ट्र सरकार मीठी नदी की गाद निकालने की परियोजना पर काफी लंबे समय से काम कर रही है। इसके लिए सरकार ने 2005 से 2021 के बीच 1,100 करोड़ खर्च किए हैं। वर्तमान में अनियमितताओं को उजागर करने के लिए एसआईटी इसकी जांच कर रही है। 

CAG ने हाल ही में किया है ऑडिट

ईडी मुंबई में बाढ़-रोकथाम और जल निकासी कामों के लिए आवंटित बजट के गबन और डायवर्जन के सबूत जुटाने के लिए वित्तीय दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक डेटा और लेन-देन के रिकॉर्ड की जांच कर रही है। एजेंसियों ने कहा कि जांच शहर में एक प्रमुख जल निकासी चैनल, मीठी नदी की सफाई और रखरखाव के लिए निर्धारित धन के बढ़े हुए बिलों, फर्जी वर्क लॉग और व्यवस्थित रूप से गबन पर केंद्रित है।

 

हालांकि, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के हाल ही में किए गए ऑडिट और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की गई जांच में रिपोर्ट किए गए और वास्तविक गाद निकालने के काम के बीच गड़बड़ियां सामने आई हैं।