उत्तर प्रदेश की लखनऊ पुलिस ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया है। उन पर औद्योगिक प्लॉट के अलॉटमेंट में कथित धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप है। उनके खिलाफ लखनऊ के राजाजीपुरम के रहने वाले संजय शर्मा से शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अमिताभ ठाकुर को सीतापुर जिले के महोली बॉर्डर से बुधवार तड़के करीब 3:45 बजे गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के मुताबिक 1999 में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर देवरिया जिले के पुलिस अधीक्षक थे। उस वक्त उन्होंने अपने पद का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल किया और अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम पर एक इंडस्ट्रियल प्लॉट अलॉट कराया। आरोप के मुताबिक अलॉटमेंट में गलत पहचान और जाली दस्तावेज का उपयोग किया गया। बाद में मुनाफे के लिए बेच दिया गया।
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सीतामढ़ी के फर्जी पते के इस्तेमाल का आरोप
टाइम्स ऑफ इंडिया ने लखनऊ के तालकटोरा पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर अपनी रिपोर्ट में बताया कि अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने फर्जी पहचान 'नूतन देवी' और पति का नाम 'अमिजात/अभिताप ठाकुर' का इस्तेमाल किया। इसके अलावा बिहार के सीतामढ़ी के फर्जी पते के आधार पर इंडस्ट्रियल प्लॉट संख्या बी-2 का अलॉटमेंट करवाया।
इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया मामला
लखनऊ पुलिस ने इसी साल 12 सितंबर को शिकायत के आधार पर पुराने आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 34 और 120B के तहत मामला दर्ज किया। मामले की जांच एसआईटी से करवाई गई। लखनऊ पश्चिम के डीसीपी विश्वजीत श्रीवास्तव का कहना है कि इस मामले में लखनऊ के ताल कटोरा थाने में राजाजीपुरम के रहने वाले संजय शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया कि अलॉटमेंट पाने के लिए झूठे नाम, पते और जाली दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया। अमिताभ ठाकुर ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। जिससे सुरक्षा और अलॉटमेंट में मदद मिली।
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जांच के बाद किया गया गिरफ्तार: पुलिस
पुलिस का कहना है कि जांच के वक्त बिहार के पते का सत्यापन किया गया। देवरिया जिले से दस्तावेजी सबूतों को जुटा गया। गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है। अब उन्हें देवरिया की अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस का दावा है कि प्लॉट अलॉटमेंट में फर्जी आवेदन फॉर्म, हलफनामा, ट्रेजरी चालान और ट्रांसफर डीड का इस्तेमाल किया गया है।
