पंजाब के बठिंडा में 6-7 मई की रात एक विमान दुर्घटना में हरियाणा के चरखी दादरी निवासी 32 वर्षीय खेतिहर मजदूर गोविंद कुमार की मौत हो गई। यह हादसा 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान अकालियां कलां गांव में एक गेहूं के खेत में हुआ, जहां गोविंद अनाज लोडिंग का काम करने गए थे। बताया जा रहा है कि वह दुर्घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे और वीडियो बनाते समय विस्फोट की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई। उनके शरीर पर जलने के निशान और गहरे घाव थे। गोविंद का अंतिम संस्कार 8 मई 2025 को चरखी दादरी के रामबाग में गमगीन माहौल में किया गया। उनके 5 साल के बेटे प्रशांत ने चिता को मुखाग्नि दी, जिसने पूरे गांव को भावुक कर दिया। गोविंद अपनी पत्नी ममता, 7 वर्षीय बेटी परी और बेटे प्रशांत को पीछे छोड़ गए।
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भाई-बहनों में सबसे छोटे गोविंद
परिजनों के अनुसार, गोविंद किशोरावस्था में ही अनाथ हो गए थे और चार भाई-बहनों में सबसे छोटे होने के बावजूद परिवार की जिम्मेदारी संभाली। वह मेहनती थे और मजदूरी के लिए बठिंडा गए थे। इस हादसे में 9 अन्य लोग घायल हुए, जिनका इलाज चल रहा है। दुर्घटना के दो दिन बाद भी गोविंद के परिवार को कोई सरकारी सहायता या मुआवजा नहीं मिला। गांव के सरपंच ने प्रशासन से तत्काल सहायता की मांग की है लेकिन सरकारी चुप्पी ने मामले को संवेदनशील बना दिया। पुलिस ने क्षेत्र को सील कर जांच शुरू की है और विमान की पहचान अभी तक अज्ञात है।
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अस्पताल में तोड़ा दम
गोविंद के दोस्त संदीप ने बताया, 'जब हमने जोरदार धमाका सुना और देखा कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है, तो हम सभी घटनास्थल पर पहुंचे। हमने एक व्यक्ति को बुरी तरह घायल देखा। वह गोविंद था। वह शायद सबसे पहले वहां पहुंचा होगा और उसे जलने और धारदार हथियार से चोटें आई होंगी। ऐसा लग रहा था कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ ही देर बाद हुए विस्फोट के कारण उसे चोटें आई थीं। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।'