हरियाणा में पंडित भगवत दयाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (UHSR) इन दिनों विवादों के केंद्र में है। आरोप लगे हैं कि यहां MBBS की परीक्षा में कथित तौर पर एक घोटाला हुआ है। विवाद इतना बढ़ गया है कि अब इस मामले की जांच की जिम्मेदारी क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन टीम (CID) को सौंप दी गई है। 

CBI मुख्यालय की ओर से रोहतक के CID दफ्तर से इस प्रकरण में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। अभी तक टीम ने जो भी जानकारी हासिल की है, उसकी रिपोर्ट अब CID मुख्यालय भेजी जाएगी। इस पूरे प्रकरण पर अब मुख्यमंत्री नायब सैनी की नजर है।

MBBS स्कैम आखिर है क्या?
एक छात्र ने विश्वविद्यालय प्रशासन के पास शिकायत भेजी थी कि परीक्षा में धांधली हो रही है। परीक्षा में पास कराने के बदले 3 से 5 लाख रुपये मांगे जाते थे। परीक्षा में पास कराने के लिए एक खास किस्म के पेन का इस्तेमाल हो रहा था, जिसकी स्याही लिखने के बाद सूख जाती है। जिन छात्रों को पास कराने का ठेका मिलता था, वह उसी कास पेन से पेपर लिखते थे। 

मशीनों की मदद से स्याही उत्तर पुस्तिका से मिटा दी जाती थी। सही जवाब लिखकर सेंटर को दोबारा भेजा जाता था। कर्मचारी छात्रों को पास कराने के लिए ऑनलाइन पैसे लेते थे। NEET-UG से लेकर फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम तक के छात्रों से धांधली कराई जाती थी। मामले की छानबीन की जा रही है।

क्या क्या कदम उठाए गए हैं?
- 3 प्राइवेट कॉलेजों के परीक्षा केंद्र बदले गए हैं।
- प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसरों को ऑब्जर्वर बनाने से बचा जाएगा।
- परीक्षा में हुई धांधली को लेकर शक के दायर में हैं ऑब्जर्वर।
- मुख्यमंत्री की भी है एग्जाम स्कैम पर नजर।

अब तक क्या हुआ है?
विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। कुछ कर्मचारी आउटसोर्सिंग के जरिए आए थे, उन्हें भी हटा दिया गया है। कई ट्रांसफर हुए हैं। अब एक जांच कमेटी 1 महीने के अंदर पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट सरकार को देगी। परीक्षा के अंक दोबारा चेक किए जाएंगे।