हिमाचल के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव में 13 जून को सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था। भीड़ ने कथित तौर पर हिंदू युवती को भगाने के आरोपी के घर पर पथराव किया। इसके बाद से इलाके में तनाव बढ़ा हुआ है। सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए इलाके में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लगा दी थी। शुक्रवार को अधिकारियों ने जानकारी दी कि धारा 163 की समय सीमा 26 जून तक बढ़ा दी गई है।

 

गुरुवार को जारी एक आदेश में कहा गया था कि सांप्रदायिक तनाव और कानून व्यवस्था की अस्थिर स्थिति के कारण पावंटा उपमंडल के माजरा पुलिस थाने के अंतर्गत पांच गांवों (कीरतपुर, मालियों, फतेहपुर, मिस्सरवाला और माजरा) में 13 जून से लागू BNSS की धारा 163 को जिला मजिस्ट्रेट प्रियंका वर्मा ने 26 जून तक बढ़ा दिया है। इस आदेश के अनुसार, इन गांवों की सीमाओं के अंदर 5 या इससे ज्यादा व्यक्तियों के इकट्ठा होने, घातक हथियार लेकर चलने, सार्वजनिक रैली करने, जुलूस निकालने या भूख हड़ताल करने, किसी भी प्रकार की ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलने, सार्वजनिक स्थानों पर पथराव या कोई आपत्तिजनक चीज फेंकने और भड़काऊ भाषण या सांप्रदायिक भाषण देने पर पूरी तरह से रोक रहेगी। 

 

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13 जून को हुआ था हंगामा

इस मामले में 13 जून को भारी हंगामा हुआ था। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था जिसमें पुलिस और महिलाओं समेत 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने कहा कि उन्हें जिला पुलिस प्रमुख निश्चिंत सिंह नेगी से रिपोर्ट मिली है कि इस मामले में पहले किए गए सभी उपायों के बावजूद नेताओं के सार्वजनिक तौर पर भड़काऊ भाषण दिए जाने की हालिया घटनाओं समेत सांप्रदायिक तनाव की स्थिति के कारण कानून-व्यवस्था के हालात अस्थिर बने हुए हैं। 13 जून को पथराव की घटना के बाद BNSS की धारा 163 लागू कर दी गई थी, जिसे अब 26 जून तक बढ़ा दिया है। 

SDM और BJP अध्यक्ष के बीच हुई थी बहस

शनिवार को बीजेपी अध्यक्ष राजीव बिंदल प्रदर्शनकारियों के साथ माजरा थाने के बाहर धरना देने पहुंचे थे लेकिन इस बीच SDM और उनके बीच बहस हो गई। दरअसल, जब बीजेपी अध्यक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तो SDM भी वहां मौजूद थे। इस दौरान SDM ने भी हाथ में डंडा उठा लिया था। इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष और SDM  गुंजीत चीमा के बीच बहस हुई।

 

राजीव बिंदल SDM गुंजीत चीमा के व्यवहार पर आपत्ति जताई और कहा, 'SDM साहब आपका बोलने का तरीका ठीक करिए। कल भी आपकी वजह से माहौल खराब हुआ था। एसडीएम का डंडा रखने का क्या मतलब है?'

सिख समुदाय ने दी चेतावनी

बीजेपी ने एक आक्रोश रैली भी की थी जिसमें दिग्गज बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम रमेश भी शामिल हुए थे। इस रैली के बाद सिख समुदाय के लोगों ने बीजेपी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। सिख समुदाय का आरोप है कि बीजेपी की आक्रोश रैली में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और बीजेपी अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने सिख समुदाय की भावनाओं को आहत किया है।

 

आरोप है कि दोनों नेताओं सिख समुदाय से संबंध रखने वाले स्थानीय SDM गुंजीत सिंह चीमा को अपमानित किया है। इस कारण सिख समुदाय नाराज है। इस संबंध में सिख समुदाय के लोगों ने पत्रकार से बातचीत कर अपनी नाराजगी जाहिर की और सभी नेताओं को चेतावनी दी कि अगर 2 दिन के अंदर माफी नहीं मांगी तो समुदाय के लोग सड़कों पर उतरेंगे। 13 जून के की घटना के बाद हिमाचल प्रदेश बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल और पांवटा से बीजेपी विधायक सुखराम चौधरी के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है। 

क्या है पूरा मामला?

इस मामले की शुरुआत 4 जून से होती है जब 19 साल का मोहसिन एक युवती को भगाकर ले गया। इसके बाद युवती के परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई लेकिन पुलिस की तरफ से की गई कार्रवाई से परिवार वाले नाराज थे क्योंकि कई दिन बाद भी आरोपी को ना तो पकड़ा गया और ना ही युवती मिली। इसके बाद हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन युवक को बचा रहे हैं। हिंदू संगठनों ने 2 दिन पहले भी प्रदर्शन किया था, जिस पर पुलिस ने 2 दिन में युवती को ढूंढने का आश्वासन दिया था। हिंदू संगठनों ने दो दिन पहले भी प्रदर्शन किया था, जिस पर पुलिस ने दो दिन में युवती को ढूंढने का आश्वासन दिया था।

 

इसके बाद शक्रवार 13 जून को युवती ना मिलने से नाराज लोगों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इसी प्रदर्शन में भीड़ ने मोहसिन के घर पर पथराव कर दिया था। भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था। इसके बाद से इस क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है। हिंदू संगठन और बीजेपी प्रशासन पर आरोपी का साथ देने का आरोप लगा रहे हैं।