हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और धर्मशाला में बुधवार को भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। अधिकारियों के अनुसार, कई लोग बाढ़ में बह गए हैं और धर्मशाला के पास खनयारा क्षेत्र में दो लोगों के शव बरामद किए गए हैं। इन लोगों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
धर्मशाला के खनयारा में मनुनी खाड में अचानक पानी का स्तर बढ़ने से एक छोटे जलविद्युत प्रोजेक्ट में काम करने वाले दो मजदूर बह गए। कांगड़ा के डिप्टी कमिश्नर हेमराज बैरवा ने बताया कि दो शव बरामद किए गए हैं, लेकिन उनकी पहचान अभी नहीं हुई है। उन्होंने कहा, 'हमारी टीमें मौके पर हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि और कितने लोग लापता हैं। हम मजदूरों की संख्या का हिसाब लगा रहे हैं।'
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धर्मशाला के विधायक सुदर्शन शर्मा ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि मनुनी खाड में 15-20 मजदूर बह गए हैं। हालांकि, जिला प्रशासन ने इस संख्या की पुष्टि नहीं की और कहा कि खोज और बचाव कार्य जारी हैं।
तीन जगह बादल फटे
कुल्लू जिले में तीन जगहों पर बादल फटने की खबर है- सैंज घाटी में जीवा नाला, गरसा घाटी में हुरला नाला और बंजार क्षेत्र में होरनगढ़। अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ के दौरान सामान ले जाने की कोशिश में तीन लोग बह गए। जिला प्रशासन ने बताया कि राहत, खोज और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
हुरला नाला, पाचा नाला और मणिहार नाला में भी पानी का तेज बहाव देखा गया। बंजार उपमंडल के होरनगढ़ में एक छोटा पुल और एक वाहन बह गया। होरनगढ़ के चेनी पटवार सर्कल में एक गौशाला पूरी तरह नष्ट हो गई और आसपास की कृषि भूमि को भी नुकसान पहुंचा। होरनगढ़ के सरकारी प्राथमिक स्कूल में पानी और मलबा घुस गया। इसके अलावा, सैंज
बाजार रोड और स्यूंड रोड को नुकसान पहुंचा, और एक जीप और एक अस्थायी दुकान भी बह गई। सैंज घाटी के रैला बिहाल क्षेत्र में चार घर क्षतिग्रस्त हो गए।
प्रशासन अलर्ट पर रेस्क्यू जारी
कुल्लू के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर अश्वनी कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने बताया, 'राहत और बचाव कार्य के लिए टीमें तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर तुरंत खोज और बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में भेजे जाएंगे। एनडीआरएफ की टीम भी जिले में तैनात है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।'
ब्यास नदी के किनारे वालों को चेतावनी
हमीरपुर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने सुजानपुर और नदौन उपमंडलों में ब्यास नदी के किनारे रहने वाले लोगों को नदी से दूर रहने की सलाह दी है। हमीरपुर के डिप्टी कमिश्नर अमरजीत सिंह ने बताया कि कुल्लू के विभिन्न घाटियों में बादल फटने से ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है।
उन्होंने चेतावनी दी कि पंडोह बांध से कभी भी पानी छोड़ा जा सकता है, जिससे सुजानपुर और नदौन के नदी के पास वाले क्षेत्रों में पानी का स्तर अचानक बढ़ सकता है। उन्होंने लोगों से जोखिम न लेने और नदी के किनारे से दूर रहने की अपील की।
मंडी के डिप्टी कमिश्नर अपूर्व देवगन ने भी लोगों से मानसून के दौरान नदियों और नालों के पास न जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सैंज घाटी में बादल फटने के बाद पंडोह बांध से अतिरिक्त पानी नीचे की ओर छोड़ा जाएगा, जिससे ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है। उन्होंने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से नदी के किनारे से दूर रहने और अपने पालतू जानवरों को भी सुरक्षित रखने को कहा।
शिमला में सतलुज नदी पर नजर
शिमला जिले के सुन्नी में सब-डिवीजनल ऑफिसर (सिविल) राजेश वर्मा ने सतलुज नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एक बैठक की। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी और एसजेवीएन को अपने बांधों और जलाशयों के जलस्तर की नियमित निगरानी करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, 'उन्हें नियंत्रित और संतुलित तरीके से पानी छोड़ने के लिए कहा गया है ताकि सतलुज के किनारे निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति न बने।'
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मौसम विभाग की चेतावनी
शिमला में मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की भविष्यवाणी की है। 27 जून तक ज्यादातर जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, और 28 जून से 1 जुलाई तक कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने मजदूरों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और प्रभावित लोगों के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
हिमाचल में भारी बारिश और बादल फटने से हालात गंभीर हैं। प्रशासन और बचाव टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य में जुटी हैं। लोगों से अपील है कि वे नदियों और नालों से दूर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।