हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्रों का प्रदर्शन तेज होने के बाद दर्जनों को हिरासत में लेने का मामला सामने आया है। यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर बुलाई गई जेसीबी और बुलडोजर के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन हो रहा था। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि राज्य सरकार ने ने रातों-रात 20 से ज्यादा मशीनें बुलाकर यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर जंगल की जमीन साफ करने का काम शुरू करवा दिया। जंगल में मौजूद पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। पहले तो पुलिस ने 52 छात्रों को हिरासत में ले लिया था लेकिन बाद में सभी को छोड़ दिया गया है। 

 

विरोध के बावजूद कैंपस में आईं जेसीबी मशीनों ने कुछ हद तक जंगल की सफाई भी कर दी। इस सफाई के तहत वहां सैकड़ों पेड़ काटे जाने की बात भी कही जा रही है। यहां यह बताना जरूरी है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद शहर के कांचा गाचीबोवली इलाके के 400 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस इलाके के बड़े क्षेत्रफल पर जंगल भी मौजूद है।

 

क्या है विवाद?

 

बता दें कि तेलंगाना सरकार इस जमीन पर एक आईटी पार्क स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। विश्वविद्यालय के छात्रों सहित और कुछ दूसरे लोग पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए तेलंगाना सरकार द्वारा जमीन की नीलामी के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। इस विरोध के बावजूद कैंपस में साफ-सफाई शुरू करवाने को लेकर हंगामा हो गया है। 

 

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बुलडोजर देखकर मौके पर पहुंचे छात्र

 

विरोध करने वाले छात्रों ने कहा कि साइट पर जैसे ही बुलडोजर पहुंचे, इसकी सूचना मिलने पर दर्जनों छात्र मौके पर पहुंच गए। छात्र इस कदम का विरोध करने लगे। कुछ छात्र बुलडोजर पर चढ़ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, साथ ही बुलडोजर को वापस ले जाने की मांग करे लगे। 

 

 

जब छात्र बुलडोजरों पर चढ़कर विरोध कर रहे थे तभी वहां पुलिस आ गई और विरोध कर रहे छात्रों को हिरासत में लिया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुल 52 छात्रों को हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

 

छात्रों का आरोप क्या है?

 

एक छात्र ने कहा, 'पुलिस ने मनमाने ढंग से छात्रों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। यहां तक कि पुलिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और अन्य शैक्षणिक स्थानों के अंदर भी घुस गई। लगभग 100 छात्रों को हिरासत में लिया गया है।'

 

सरकार से खुली बातचीत की मांग

 

छात्रों ने कहा कि कैंपस में भारी पुलिस तैनाती के बीच चार अर्थ मूवर्स को भी तैनात कर दिया गया। एक अन्य छात्र ने कहा, 'विश्वविद्यालय की जमीन छात्रों, समुदाय और सबसे बढ़कर यहां पनपने वाले वन्यजीवों की है। हम इन कार्रवाइयों को तुरंत रोकने, हिरासत में लिए गए छात्रों की रिहाई की मांग करते हैं। हम पुलिस द्वारा बलपूर्वक दमन के बजाय इस जमीन के भविष्य को लेकर प्रशासन से खुली बातचीत की मांग करते हैं।' 

 

वहीं, साइबराबाद पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारी छात्रों को अलग-अलग पुलिस थानों - माधापुर, गाचीबोवली, कोल्लूर और रायदुरम भेजा गया है। अधिकारी ने कहा, 'हमने 52 प्रदर्शनकारियों को एहतियातन हिरासत में लिया, क्योंकि वे प्रोजेक्ट साइट की ओर जा रहे थे। पुलिस ने इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी है।'

 

इसके अलावा पुलिस कुछ छात्रों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने पर विचार कर रही है। आरोप है कि कुछ छात्रों ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों पर हमला किया।