बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। राज्य के अधिकारियों की भी दिलचस्पी लगातार राजनीति में बढ़ रही है। इन चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए राज्य के बड़े-बड़े अधिकारी अपने पदों से इस्तीफा देकर राजनीतिक पार्टियों का दामन थाम रहे हैं। हाल ही में पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदलीप लांडे ने 'हिंद सेना' नाम से नई पार्टी बनाई है। शिवदीप की ही तरह अब एक और आईपीएस अधिकारी ने राजनीति में आने का मन बना लिया है। कुछ दिन पहले मोहम्मद नुरुल होदा ने वक्फ कानून के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दिया था और अब वह बुधवार को मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी में शामिल होंगे।
बिहार जहां लगभग जाति, समुदाय का अपना एक नेता है वहां मोहम्मद नुरुल होदा मुस्लिमों के नेता बनने का इरादा पाले राजनीति में आ रहे हैं। उनका कहना है कि बिहार में मुसलमानों के बीच नेतृत्व की कमी है और वह इस कमी को दूर करना चाहते हैं। वह शिक्षा को बढ़ावा देकर, भेदभाव वाली राजनीति को खत्म करके अच्छे नेताओं को आगे लाकर बदलाव लाना चाहते हैं। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में वह अपनी किस्मत आजमा सकते हैं।
वक्फ के विरोध में दिया इस्तीफा
नुरुल होदा पहले रेलवे में आईजी थे। केंद्र सरकार के वक्फ कानून के विरोध में उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। उनका मानना है कि बिहार में मुस्लिमों का कोई भी नेता उनका नेतृत्व नहीं कर रहा रहा है और मुस्लिम समाज के लोग एक मजबूत नेता की तलाश कर रहे हैं। मोहम्मद नुरुल होदा बिहार के मुस्लिमों को एकजुट करके एक राजनीतिक ताकत के रूप में उभरना चाहते हैं।
विकासशील इंसान पार्टी में होंगे शामिल
नुरुल होदा ने राजनीति में आने का मन बना लिया है। बुधवार को वह मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी का दामन थाम सकते हैं। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। पार्टी आने वाले चुनाव में नूरुल होदा को मुस्लिम नेता के तौर पर पेश करके मुस्लिम समाज को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। मुकेश सहनी की पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में NDA के साथ चुनाव लड़ा था। VIP ने कुल 11 सीटें पर चुनाव लड़ा था। उनकी पार्टी को 4 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि, मुकेश सहनी अपना खुद का चुनाव हार गए थे। मोहम्मद नुरुल होदा अपने जिले सीतामढ़ी से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
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कौन हैं नुरुल होदा?
मोहम्मद नुरुल होदा बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा सीतामढ़ी से ही हुई। इसके बाद बिहार विश्विद्यालय से उन्होंने केमेस्ट्री में पढ़ाई की और दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। वह UPSC में सफल होने से पहले अवर सेवा चयन परिषद और 39वीं BPSC में भी चुने गए थे लेकिन वह UPSC परीक्षा पास करने का इरादा बना चुके थे।
1995 के बैच में उनका चयन UPSC में हुआ। सेवा के दौरान नुरुल होदा कई बड़े पदों पर रहे। वर्तमान में वह आरपीएफ में आईजी स्तर के अधिकारी थे। नुरुल होदा ने रेलवे सुरक्षा आयुक्त रहते हुए धनबाद और आसनसोल में नक्सलवाद से रेलवे की सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए। संवेदनशील क्षेत्रों में रेलवे सुरक्षा के लिए अच्छा कार्य किया। उन्होंने नई रणनीतियों को लागू किया और बड़े पदों पर रहते हुए रेलवे में यात्री सुरक्षा और अपराध नियंत्रण से संबंधित कई नए प्रयोग किए। उनके कार्य के लिए उन्हें दो बार विशिष्ट सेवा पदक और दो बार महानिदेशक चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।
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नुरुल होदा ने क्या कहा?
नुरुल होदा ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद कहा, 'एक बिहारी मुस्लिम होने के नाते, मैं बिहार में मुसलमानों के बीच नेतृत्व की कमी को दूर करना चाहता हूं। राजनीतिक बहिष्कार, आपसी फूट, सामाजिक और आर्थिक परेशानियां और आधुनिक आवाजों की कमी के कारण यह चुनौती पैदा हुई है।'
उन्होंने राजनीति में आने के अपने इरादे के बारे में बात करते हुए कहा , 'मैं शिक्षा को बढ़ावा देकर, विभाजनकारी राजनीति को नकार कर और अच्छे नेताओं को आगे लाकर एक नया दौर शुरू करूंगा। मेरा लक्ष्य है कि मैं अपने समुदाय को एकजुट करूं और सभी बिहारियों को आगे बढ़ाऊं।' उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा भविष्य बनाना चाहते हैं जहां सभी बराबर हों, तरक्की हो और हमारी ताकत मिलकर एक बेहतर कल लाए।