अगर आप बेंगलुरू से रहते हैं और ऑटो रिक्शा से सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी हो सकती है। कर्नाटक सरकार ने ऑटो रिक्शा का किराया बढ़ाने का फैसला लिया है। परिवहन विभाग के नए आदेश के मुताबिक, 1 अगस्त 2025 से मौजूदा किराए में बढ़त लागू की जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रति किलोमीटर 3 रुपये के हिसाब से किराया बढ़ाया गया है। ये दरें बेंगलुरू के कुछ हिस्सों में लागू की जाएंगी। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि सभी ऑटो रिक्शा चालकों को 31 अक्टूबर 2025 तक मीटर की दोबारा जांच करानी होगी और उसमें संशोधित किराया दिखाना अनिवार्य होगा।

 

अभी तक बेंगलुरू में शुरुआती 2 किलोमीटर का किराया 30 रुपये था लेकिन किराए की नई दरें लागू होने के बाद यह बढ़कर 36 रुपये हो जाएगा। वहीं, 2 किलोमीटर पूरा होने के बाद हर एक किलोमीटर का किराया 15 रुपये था लेकिन किराए की नई दर लागू होने के बाद यह बढ़कर 18 रुपये हो जाएगा। परिवहन विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक सफर करने पर सामान्य किराए के अलावा आधा किराया अतिरिक्त लिया जाएगा। यानी रात में डेढ़ गुना किराया वसूला जाएगा।

 

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क्यों बढ़ा किराया?

दरअसल, पिछले कुछ महीने पहले से बेंगलुरू में ऑटो चालक और ऑटो यूनियन सरकार से किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग थी कि न्यूनतम किराया 40 रुपये और प्रति किलोमीटर का किराया 20 रुपये किया जाए। हालांकि, कर्नाटक सरकार ने इनकी मांग पर आंशिक सहमति जताते हुए न्यूनतम किराया 36 रुपये तक बढ़ाया है।

 

यानी अगर पहले आप 10 किलोमीटर का सफर करते तो शुरुआती दो किलोमीटर के लिए 30 रुपये और बाकी के 8 किलोमीटर के लिए 8X15=120 यानी कुल 150 रुपये होते थे। नई दरों के हिसाब से पहले दो किलोमीटर के लिए 36 रुपये और बाकी के 8 किलोमीटर के लिए 8X18=144, यानी कुल 180 रुपये लगेंगे। इस तरह से 10 किलोमीटर जाने का खर्च 30 रुपये महंगा हो गया है।

इन इलाकों में लागू किया जाए नया किराया

यह नया किराया केवल बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) सीमा के भीतर ही लागू होगा। यानी बेंगलुरु शहर की नगरपालिका सीमा में आने वाले यात्रियों पर इसका असर पड़ेगा।

 

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सरकार से नियंत्रण की मांग

बेंगलुरु के लोगों ने कर्नाटक सरकार से ओला, उबर जैस ऑटो ऐप्स से किराए की पारदर्शिता को बढ़ाने की मांग की हैं। वहां के लोगों का कहना है कि एक ओर मैनुअल ऑटो रिक्शा चालकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही। वहीं दूसरी ओर ओला, उबर जैसे ऑटो एग्रीगेटर ऐप्स से बुकिंग करने पर यात्रियों को भी अब भारी-भरकम कंजेशन फीस, सर्ज प्राइस और अजीबोगरीब शुल्कों का सामना करना पड़ रहा है।