कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जिस ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर हो गया था, उसके ही पिता पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कुणाल घोष ने मानहानि का केस कर दिया है। पिता ने कुणाल घोष की तरफ से दाखिल मानहानि के केस को 'उत्पीड़न' बताया है। उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ते रहेंगे।

 

अपने घर पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमें भड़काने और परेशान करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि मैं जब तक जिंदा हूं, तब तक मेरी लड़ाई जारी रहेगी।

 

आरजी कर अस्पताल में पिछले साल 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप के बाद मर्डर की पुष्टि हुई थी। इस मामले में अदालत ने इसी साल जनवरी में आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

 

इस हत्याकांड के सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल ही नहीं, बल्कि देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ था। कोर्ट ने इसकी जांच CBI को सौंप दी थी। इसी दौरान ट्रेनी डॉक्टर के पिता की और की गई कुछ कथित टिप्पणियों को लेकर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने मानहानि का केस दर्ज कराया है।

 

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क्या है पूरा मामला?

टीएमसी नेता कुणाल घोष ने पीड़िता के पिता पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि हत्याकांड की जांच को पटरी से उतारने के लिए CBI को रिश्वत दी थी।

 

पिछले हफ्ते ही कुणाल घोष ने इस मामले को लेकर पीड़िता के पिता को लीगल नोटिस भेजा था। घोष ने तब कहा था, 'मैं उन्हें दूसरों के उकसावे में आकर कुछ भी कहने की इजाजत नहीं दे सकता। या तो उन्हें अपनी कही बात के लिए माफी मांगनी चाहिए या फिर अदालत में आकर अपना बयान साबित करना चाहिए'

पीड़िता के पिता ने क्या कहा?

पीड़िता के पिता ने बताया कि उन्हें मीडिया से ही मानहानि केस के बारे में पता चला है। उन्होंने कहा कि वकील से बात कर ली है और हम अदालत में ही इसका जवाब देंगे।

 

उन्होंने कहा, 'हमें रास्ता से हटाने के लिए यह सब किया गया है। हम रास्ते से नहीं हटेंगे। मेरा जो लक्ष्य है, मैं उसे पाकर ही छोड़ूंगा। जब तक जिंदा रहेंगे तब तक लड़ाई जारी रहेगी। अपनी बेटी के लिए तो न्याय छीनकर लाउंगा ही और जहां-जहां ऐसे अपराधी होंगे, उनके खिलाफ भी लड़ता रहूंगा'

 

न्होंने कहा कि 'हम लोगों को भड़काने के लिए यह सब किया जा रहा है। हमारे पास कोई नोटिस नहीं आया है। अदालत का नोटिस आएगा तो देखेंगे। हम देखेंगे कि हमारे खिलाफ क्या-क्या शिकायत की गई है' उन्होंने कहा, 'हमारे वकील हमसे जो कहेंगे, हम वही करगें। वकील ने कहा कि नोटिस आने दीजिए, फिर देखेंगे कि क्या करना है।'

 

 

उन्होंने कहा, 'अगर उनमें दिमाग होता तो वे इंसानियत दिखाते लेकिन मुझे नहीं लगता कि उनमें दिमाग है। उन्हें इंसान नहीं माना जा सकता'

 

उन्होंने बताया कि धमकियां मिलने के बाद इसी महीने तीन बार राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की गई है। उन्होंने कहा, 'हमने राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा है। राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि किसी भी तरह की मदद के लिए हमसे संपर्क करें लेकिन सात दिन बीत जाने के बाद भी हमारे पास राज्य सरकार की ओर से किसी ने संपर्क नहीं किया'

 

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मां बोलीं- बेटी को न्याय दिलाने के लिए जिंदा

पीड़िता की मां ने कहा कि हमारे पास कुछ नहीं है और अब हम सिर्फ अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए जिंदा हैं।

 

उन्होंने कहा, 'हमने सबकुछ खो दिया है। हम सिर्फ अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए जिंदा हैं। हमें अपनी बेटी तो वापस नहीं मिलेगी लेकिन हम यह उजागर करना चाहते हैं कि भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं'

क्या था आरजी कर केस?

बीते साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। ट्रेनी डॉक्टर के साथ पहले रेप हुआ और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था। संजय का उस अस्पताल में आना-जाना लगा रहता था।

 

ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या को लेकर कोलकाता समेत देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ था। इसकी जांच CBI को सौंपी गई। 7 अक्टूबर को CBI ने संजय रॉय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

 

इस मामले में 20 जनवरी को कोलकाता की सियालदेह कोर्ट ने फैसला सुनाया था। अदालत ने संजय रॉय को दोषी ठहराते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

 

इस मामले में CBI ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल रहे संदीप घोष को भी गिरफ्तार किया था। फिलहाल संदीप घोष जमानत पर बाहर हैं।