महाराष्ट्र सरकार मजदूरों की समाज में हैसियत बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने पर विचार कर रही है। इस सिलसिले में महाराष्ट्र की महायुति सरकार 'प्लंबर' को 'जल इंजीनियर” नाम देने पर विचार कर रही है। इसके बारे में महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

 

नासिक में मीडिया से बात करते हुए, कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि अंतिम फैसला लेने से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, 'सरकार प्लंबर के दर्जे को बढ़ाकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की तैयारी कर रही है। उन्हें जल्द ही जल इंजीनियर का नाम दिया जा सकता है। यह कदम समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के उद्देश्य से उठाया गया है।'

 

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श्रमिकों को अधिक सम्मान

 

उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा कुछ व्यवसायों के नाम बदलकर श्रमिकों को अधिक सम्मान देना है। साथ ही यह प्रतीकात्मक परिवर्तन सार्वजनिक जीवन में मजदूरों के कौशल और उनकी भूमिका को पहचानने में मदद करेगा।

 

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कद को ऊपर उठाने के लिए

मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने अपने नासिक दौरे के दौरान बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की। उन्होंने यहां यह भी कहा कि इस नामकरण में प्रस्तावित बदलाव अलग-अलग व्यवसायों में लोगों के कद को ऊपर उठाने के लिए है। 

 

बता दें कि इससे पहले बीजेपी की सरकारें देशभर में शहरों, कस्बों और संस्थानों के नाम बदले हैं लेकिन यह पहली बार है जब बीजेपी सरकार किसी पेशे का नाम बदलने जा रही है।