महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने फडणवीस सरकार की 'लड़की बहिन योजना' के ऊपर खर्च हो रहे पैसों को लेकर गंभीर सवाल उठा दिए हैं। कृषि मंत्री के मुताबिक लाड़की बहन योजना महाराष्ट्र के किसानों पर भारी परड़ रही है।  माणिकराव कोकाटे ने कहा है कि यह योजना राज्य के खजाने पर बोझ डाल रही है, जिससे कृषि ऋण माफी योजना को लागू करने में परेशानी हो रही है।

 

माणिकराव कोकाटे अजित पवार वाली एनसीपी कोटे से देवेंद्र फडणवीस सरकार में कृषि मंत्री हैं। वह सिन्नार विधानसभा सीट से विधायक हैं। उन्होंने पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लड़की बहन योजना ने महाराष्ट्र में वित्तीय तनाव पैदा कर दिया है। राज्य सरकार का खजाना इस योजना के लिए खोल दिया गया है, जिसे जिसे किसानों के ऋण माफ करने के लिए आवंटित किया जाता है।

 

राज्य की आय बढ़ने का है इंतजार

 

एनसीपी नेता ने कहा, 'लड़की बहन योजना की वजह से पैदा हुए बोझ ने कृषि ऋण माफी के लिए धन अलग रखने की हमारी क्षमता को प्रभावित किया है। हम वित्तीय स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और एक बार राज्य की आय बढ़ जाने पर हम अगले चार से छह महीनों में ऋण माफी योजना के साथ आगे बढ़ेंगे।'

 

राज्य सहकारिता विभाग के पास जिम्मेदारी

 

उन्होंने कहा कि लोन माफी के फैसले को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सहकारिता विभाग की है। यह मामला अंत में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पास ही जाएगा। वहीं, एनसीपी नेता और महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने पिछले हफ्ते ही लड़की बहन योजना के फर्जी लाभार्थियों को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि जो फर्जी लाभार्थी योजना का लाभ ले रहे हैं उन शिकायतों पर कार्रवाई की जाएगी। 

 

हर साल सरकार पर 46,000 करोड़ का भार 

 

दरअसल, पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये हर महीने भत्ता देने का ऐलान किया था। इस योजना से महाराष्ट्र पर सालाना लगभग 46,000 करोड़ रुपये का भार पड़ रहा है और राज्य की अन्य योजनाओं को नुकसान होने की संभावना है।

 

इससे पहले महाराष्ट्र के वित्त मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों ने भी लड़की बहिन योजना पर होने पैसों के खर्चों को लेकर सवाल उठाए थे।