महाराष्ट्र की महायुति सरकार लव जिहाद को लेकर जल्द ही कानून बना सकती है। महाराष्ट्र सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने के लिए 7 सदस्यीय पैनल का गठन किया है। यह कानून जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ बनाया जाएगा। बनने वाले कानून को लेकर पैनल सरकार के लिए पहलुओं का अध्ययन करेगा।

 

इस सात सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता महाराष्ट्र के डीजीपी करेंगे। इसके अलावा पैनल में महिला एवं बाल कल्याण, अल्पसंख्यक मामले, कानून और न्यायपालिका, सामाजिक न्याय, विशेष सहायता और गृह विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।

 

उपाय सुझाएगी समिति

 

देवेंद्र फडणवीस सरकार ने शुक्रवार को एक प्रेस नोट में इसको लेकर जानकारी दी है। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा, 'समिति जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद की शिकायतों से निपटने के लिए उपाय सुझाएगी और ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए कानून की सिफारिश करने के लिए अन्य राज्यों के कानूनों का अध्ययन करेगी।'

 

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सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए काम

 

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि राज्य सरकार लव जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, 'लव जिहाद एक गंभीर मुद्दा है और राज्य सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में काम कर रही है। लव जिहाद के मामलों को देखने के लिए गठित समिति महिलाओं की सुरक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए काम करेगी।'

 

लोढ़ा ने क्या कहा?

 

लोढ़ा ने आगे कहा कि जब वे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में महिला और बाल विकास विभाग के मंत्री थे, तो उन्होंने अंतरधार्मिक विवाह समन्वय समिति की स्थापना की थी। इससे ऐसी घटनाओं को सामने लाने में मदद की।

 

उन्होंने कहा, 'श्रद्धा वाकर की हत्या आफताब अमीन ने की। रूपाली चंदनशिव की हत्या इकबाल शेख ने की। पूनम क्षीरसागर की हत्या निजाम खान ने की। उरण की यशश्री शिंदे की हत्या दाऊद शेख ने की। मलाड की सोनम शुक्ला की जान शाहजीब अंसारी के हाथों गई।' वहीं, एनसीपी (एससी) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि सरकार को प्रेम और विवाह के बजाय आर्थिक मुद्दों से निपटने पर ध्यान देना चाहिए।