तेलंगाना के पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले व्यक्ति को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस मामले की जांच में पुलिस ने किसी तरह की राजनीतिक साजिश होने से इनकार किया है लेकिन शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि उनकी मौत स्वाभाविक नहीं थी, बल्कि उनकी हत्या की गई है। ऐसा तब हुआ है जब अदालत में केसीआर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप की जांच निलंबित करने के मामले में अगले ही दिन सुनवाई की जानी थी।

 

50 साल के एन. राजलिंगमूर्ति ने पिछले साल अक्टूबर में अदालत में याचिका दायर कर पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर और उनके कुछ सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। उनका आरोप था कि मेदीगड्डा  बैराज के निर्माण में कई तरह की अव्यवस्थाएं हुई थीं, जो कि कालेश्वरम प्रोजेक्ट का हिस्सा था। राजलिंगमूर्ति ने अदालत से गुहार लगाई थी कि इस मामले की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

 

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दो अज्ञात हमलावरों ने किया था हमला

बुधवार की शाम को जब वे अपनी मोटरसाइकिल से कहीं जा रहे थे, तभी दो अज्ञात हमलावरों ने उन पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि उन्हें चाकू से कई बार गोदा गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोग उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

 

पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में यह जमीन विवाद से जुड़ा मामला लग रहा है। हालांकि, यह हत्या ऐसे समय हुई जब अगले ही दिन अदालत में उनके द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई होनी थी। इस वजह से कई लोग इस हत्या के पीछे किसी बड़ी साजिश की आशंका जता रहे हैं।

 

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राजलिंगमूर्ति की शिकायत के बाद, केसीआर और उनके एक रिश्तेदार और पूर्व मंत्री टी हरीश राव ने अदालत के फैसले के खिलाफ तेलंगाना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने अदालत से अपील की थी कि उनके खिलाफ जांच को निलंबित किया जाए।