मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जारांगे शुक्रवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। वह मराठा समुदाय के लिए ओबीसी श्रेणी में 10 प्रतिशत कोटा की मांग पर अड़े हैं। सोमवार को यह आंदोलन चौथे दिन में प्रवेश कर गया है। अब मनोज जरांगे ने पानी पीना भी बंद करने का ऐलान किया है। वह पहले से ही आमरण अनशन पर थे।
मनोज जरांगे ने रविवार को कहा है कि मांगें पूरी होने तक वह डटे रहेंगे, भले ही सरकार गोलियां चलाए। महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को कहा कि वह मराठा समुदाय को कुनबी का दर्जा देने के लिए गजट पर कानूनी राय लेगी। मराठा चाहते हैं कि उन्हें कुनबी समुदाय में रखा जाए और 10 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी कोटे के तहत दिया जाए। मनोज जरांगे से मिलने कई विपक्षी नेता पहुंचे हैं। वारिस पठान और मनोज जरांगे की मुलकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा था।
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कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर अब तक क्या कहा है?
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पुराने आदेशों में कहा गया है कि मराठा समुदाय को सामूहिक आरक्षण देना संभव नहीं है।

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आंदोलन में अब तक क्या-क्या हुआ है? 5 पॉइंट्स में
- आंदोलन की वजह से ट्रैफिक जाम: आजाद मैदान और दक्षिण मुंबई के आसपास प्रदर्शनकारियों की भीड़ की वजह से सोमवार को ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है। मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है कि दक्षिण मुंबई की ओर जाने वाले रास्तों पर सुबह के वक्त दिक्कतें आ सकती हैं। व्यापारियों ने भी आंदोलन से परेशानी जताई है।
- मुंबई में परेशान हो रहे हैं व्यापारी और आम लोग: फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र शाह ने कहा कि आजाद मैदान की भीड़ ने दक्षिण मुंबई में अराजकता फैला दी है, जिससे दुकानों और बाजारों की बिक्री प्रभावित हुई है। राजनीतिक बयानबाजी भी तेज है। मराठा प्रदर्शनकारियों ने एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले की कार रोकी और शरद पवार के खिलाफ नारेबाजी की।
- सुप्रिया सुले ने सर्वदलीय बैठक की मांग की: सुप्रिया सुले ने सरकार से विशेष विधानसभा सत्र और सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। वहीं, बीजेपी नेताओं ने शरद पवार के उस बयान की कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 52 प्रतिशत कोटा सीमा को हटाने के लिए संवैधानिक संशोधन की बात कही थी।
- छगन भुजबल ने बुलाई ओबीसी नेताओं की बैठक: एनसीपी मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी कोटा कमजोर होने के विरोध में ओबीसी नेताओं की बैठक बुलाई है।
- टीवी पत्रकार के साथ आंदोलन में बदसलूकी: टीवी पत्रकार एसोसिएशन ने जारांगे से शिकायत की कि मनोज जरांगे के समर्थकों ने आजाद मैदान में महिला पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया। एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि अगर ऐसी घटनाएं जारी रहीं, तो मीडिया आंदोलन का बहिष्कार कर सकता है।