मध्यप्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे के निपटान का विरोध कर रहे संगठनों ने बुधवार को शहर के बाहर अपने विरोध का विस्तार करने का फैसला किया। संगठनों का कहना है कि इस जहरीले कचरे को जलाने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

 

आंदोलन में अग्रणी संगठन के एक पदाधिकारी ने कहा कि बृहस्पतिवार को धार जिले के पीथमपुर शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर इंदौर में संभागीय आयुक्त के कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 

'पीथमपुर में नहीं जलाया जाना चाहिए जहरीला कचरा'

दूसरी ओर, जिला प्रशासन यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट निपटान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बैठक कर रहे है। ‘पीथमपुर बचाओ समिति’ के संयोजक हेमंत हिरोले ने बुधवार को कहा, 'हम बृहस्पतिवार को इंदौर में संभागीय आयुक्त कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। हम मांग करेंगे कि भोपाल की बंद पड़ी यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के जहरीले कचरे को किसी और जगह भेजा जाए। इसे किसी भी कीमत पर पीथमपुर में नहीं जलाया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि इंदौर में विरोध प्रदर्शन में ट्रेड यूनियन और सामाजिक संगठनों सहित विभिन्न संगठन भाग लेंगे।

 

इस कचरे को जलाने से क्या नुकसान हो सकता है?

हिरोले ने कहा, 'हम महू, राऊ, इंदौर और आसपास के इलाकों में मानव सीरीज बनाएंगे। हम शीर्ष अदालत, उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में भी इस बात के तथ्य लेकर जाएंगे कि इस कचरे को जलाने से क्या नुकसान हो सकता है'। उन्होंने कहा कि महू में आर्मी सेंटर और इंदौर में ‘राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी’ (आरआरसीएटी) सहित राष्ट्रीय महत्व के संस्थान पास में स्थित हैं और खतरनाक कचरे को जलाने से इलाके को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निपटान योजना पर आगे बढ़ रही है, क्योंकि उसके पास न्यायालय का वह आदेश है, जिसके तहत जलाने पर रोक नहीं लगाई गई है। 

 

स्थानीय लोगों पर बनाया जा रहा दबाव

हिरोले ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार स्थानीय लोगों पर दबाव बनाकर कचरा जलाने का काम करना चाहती है। हिरोले ने कहा कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 2010 में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने का विरोध किया था। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि पीथमपुर में जहरीला कचरा न जलाया जाए। सरकार चाहे तो हम पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त कर लगा सकती है लेकिन हम चाहते हैं कि यूनियन कार्बाइड के कचरे का निपटान ऐसी जगह किया जाए, जहां इससे कीड़ों, जानवरों, इंसानों या पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे।' 

 

जागरूकता पैदा करने के लिए हो रही बैठकें

इस बीच, जिला प्रशासन पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न संगठनों के साथ बैठकें कर रहा है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि जिलाधिकारी प्रियांक मिश्रा ने मंगलवार को लघु उद्योग भारती, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास केंद्र पीथमपुर में औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उन्हें यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट के निपटान के संबंध में न्यायालय के आदेश से अवगत कराया। 

 

कचरे का निपटान जरूरी

मिश्रा ने कहा कि प्रस्तावित निपटान से संबंधित सभी कार्रवाई न्यायालय की निगरानी में वैज्ञानिक पद्धति से की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सारी जानकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध है और सभी प्रतिनिधियों को इसे देखना चाहिए। विज्ञप्ति में बताया गया कि जिला प्रशासन ने इन संगठनों को सभी संदिग्ध प्रश्नों के उत्तर के साथ एक प्रश्नावली भी उपलब्ध कराई है, ताकि वे अपने कर्मचारियों को भी इसे ठीक से समझा सकें।

 

सोशल मीडिया पर फैल रही गलत जानकारी

जिलाधिकारी ने उद्योगों से मजदूरों के पलायन के बारे में समाचार रिपोर्टों का खंडन करने का भी आग्रह किया। विज्ञप्ति में कहा गया कि जिला प्रशासन ने अपशिष्ट निपटान के बारे में सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी के प्रसार को रोकने के लिए पहले ही निषेधाज्ञा जारी कर दी है। धार जिले के एक बड़े औद्योगिक केंद्र पीथमपुर में तीन जनवरी को उस समय हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे जब भोपाल में बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने से 337 टन खतरनाक कचरे को जलाने के लिए रामकी एनवायरो इकाई में लाया गया।