सरकारी कार्यक्रमों में किस तरह की फिजूलखर्ची होती है, इसकी एक तस्वीर मध्य प्रदेश से सामने आई है। यहां के शहडोल जिले के भदवाही गांव में एक कार्यक्रम में काजू-बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स पर 19 हजार रुपये का खर्चा किया गया है। इस कार्यक्रम का मकसद पानी बचाना था लेकिन इसमें शामिल लोगों की मेहननवाजी पर जमकर खर्चा किया गया।

 

दरअसल, भदवाही गांव में पिछले महीने जल चौपाल का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में बड़े-बड़ी सरकारी अफसर और कर्मचारी शामिल हुए थे। कार्यक्रम का मकसद गांव-गांव जाकर पानी बचाने की सीख देना था लेकिन इसके नाम पर जो मेवा बंटा है, वह किसी शादी-ब्याह से कम नहीं है।

5-5 किलो काजू-बादाम, 2 किलो घी

बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम महज एक घंटे का था और इसके लिए 13 किलो ड्राई फ्रूट्स मंगाए गए थे। इस कार्यक्रम के लिए 5 किलो काजू, 5 किलो बादाम, 3 किलो किशमिश, 30 किलो नमकीन, 6 किलो दूध, 2 किलो घी, 5 किलो शक्कर और बिस्किट के 20 पैकेट का इंतजाम किया गया था।

 

इस पूरी मेहमाननवाजी पर 19,010 रुपये का खर्च किया गया है। इसके अलावा 5,260 रुपये का एक अलग बिल भी है, जिससे पता चला है कि अफसरों के लिए 2 किलो घी का भी इंतजाम किया गया था।

 

यह भी पढ़ें-- महाराष्ट्र में 'अर्बन नक्सल' के खिलाफ बिल पास; क्या है इसमें खास?

जिम्मेदारों का क्या है कहना?

पानी बचाने की सीख देने पहुंचे सरकारी कर्मचारी कार्यक्रम में सूखे मेवे खा रहे हैं। इस पर अब विवाद खड़ा हो गया है। 

 

मामला सामने आने के बाद जिला पंचायत की प्रभारी सीईओ मुद्रिका सिंह ने बताया कि भदवाही गांव में जल संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसके लिए चाय-बिस्किट की व्यवस्था तो की गई थी लेकिन काजू-बादाम और किशमिश के बिल कहां से लगे, इसकी जांच की जा रही है।