कभी पंजाब में कांग्रेस पार्टी की धुरी रहे नवजोत सिंह सिद्धू, इन दिनों सक्रिय राजनीति से दूर-दूर हैं। वह सार्वजनिक सभाओं में तो नजर आ रहे हैं लेकिन पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बरत रहे हैं। उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने, उनकी वापसी को लेकर एक शर्त रखी है। उन्होंने कहा है कि अगर सिद्धू को कांग्रेस पार्टी, पंजाब में मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाती है तो वह राजनीति में वापसी कर सकते हैं।

नवजोत कौर सिद्धू ने कांग्रेस के आंतरिक कलह को राज्य के लिए खतरनाक बताया और इशारा किया कि कांग्रेस के भीतर ही 5 से ज्यादा सीएम उम्मीदवार हैं, जो नवजोत सिंह सिद्धू को राजनीति में आने नहीं देंगे। उन्होंने यह भी कहा है किसी पार्टी की आर्थिक मदद के लिए उनके पास पैसा नहीं है लेकिन उनके पास वह नजरिया है, जिससे वे पंजाब को बदल सकते हैं।

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नवजोत कौर सिद्धू, कांग्रेस:-
नवजोत सिंह सिद्धू, कांग्रेस और प्रियंका गांधी से जुड़े हुए हैं। अगर कोई पार्टी उन्हें पंजाब में सुधार करने की ताकत दे, तो हम नतीजे देंगे और पंजाब को एक सुनहरा राज्य बनाएंगे। अगर कांग्रेस उन्हें सीएम उम्मीदवार घोषित करती है तो वह वापस आएंगे।


BJP में जाएंगे नवजोत सिंह सिद्धू?

नवजोत कौर ने कहा, 'सिद्धू कांग्रेस से बहुत ज्यादा अटैच हैं। प्रियंका के साथ अटैच हैं। फिर भी उन्हें यह लग नहीं रहा कि सिद्धू को प्रमोट होने देंगे, क्योंकि 5-5 CM पहले से बने हुए हैं और वह कांग्रेस को हराने में लगे हुए हैं। ऊपर वालों को शायद समझ आ जाए तो बात दूसरी है। कोई भी पार्टी उन्हें यह ताकत दे दे कि वह पंजाब को सुधार सकें। हमारे पास किसी पार्टी को पैसे देने के लिए पैसे नहीं हैं, हां हम रिजल्ट दे सकते हैं। हम पंजाब को गोल्डन स्टेट बना देंगे।'

क्यों चर्चा में आईं नवजोत कौर?

नवजोत कौर, राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलने राजभवन गईं थीं। चंडीगढ़ में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगर कांग्रेस सिद्धू को सीएम उम्मीदवार बनाती है तो वह सक्रिय राजनीति में लौट सकते हैं। अभी वह अच्छा पैसा कमा रहे हैं और खुश हैं। राजनीति ज्यादा थकाऊ है। उन्होंने कानून व्यवस्था को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की थी। 

राजनीति से दूर क्यों हुए नवजोत सिंह सिद्धू?

साल 2017 में पंजाब में विधानसभा चुनाव हुए थे। नतीजे कांग्रेस के पक्ष में थे। नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिली। वह अमृतसर ईस्ट से बीजेपी के विधायक बने। जब नई सरकार बनी तो उन्होंने मंत्रिमंडल मिला।  कैप्टन अमरिंदर के साथ उनकी सियासी अदावत सुर्खियों में रही। कैप्टन ने उन्हें बिजली विभाग दिया तो हंगामा हो गया। यह तनाव इतना बढ़ गया कि कैप्टन अमरिंदर और उनके बीच मध्यस्थता की कई कोशिशें हुईं लेकिन बात नहीं बन पाई। 2019 में उन्होंने इस्तीफा दिया। 

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2021 में सुलह की कोशिशों के बीच उन्हें पंजाब प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया। उनकी वजह से कांग्रेस से अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा। चरणजीत सिंह चन्नी से भी उनका टकराव रहा। साल 2022 में जब पंजाब में विधानसभा चुनाव हुए तो सिद्धू पूर्वी अमृतसर से अपनी सीट तक नहीं बचा पाए। उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। 

नवजोत सिंह सिद्धू को 1998 के रोड रेज केस में जेल भी जाना पड़ा। इसी बीच उनकी पत्नी को कैंसर डिटेक्ट हुआ। कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू का कैप्टन अमरिंदर, चरणजीत चन्नी और हाईकमान से भ्रष्टाचार, खनन ड्रग्स मुद्दों पर गहरे मतभेद रहे। सिद्धू बार-बार कहते रहे कि वह सिद्धांतों पर समझौता नहीं करेंगे। अब वह इंडियन प्रीमियर लीग के लिए कमेंट्री करते हैं, यूट्यूब चैनल चलाते हैं।