ओडिशा के बालासोर जिले में भारी बारिश के बाद बाढ़ ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिले में आई बाढ़ में एक शख्स लापता हो गया है, जबकि 50 से ज्यादा गांवों में पानी घुस गया है, हालांकि रविवार को स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया। जिले के अधिकारियों ने जानकारी दते हुए बताया कि बालासोर के बलियापाल प्रखंड के बिष्णुपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र का एक युवक शनिवार को बाढ़ में बह गया।
ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) की टीम लापता युवक की तलाश कर रही है। बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी ने आरोप लगाया कि झारखंड स्थित चांडिल बांध से बिना सूचना दिए अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की वजह से बलियापाल, भोगराई, बस्ता और जलेश्वर में बाढ़ आई है। सांसद सारंगी ने इसे 'आपराधिक लापरवाही' करार दिया है।
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चार प्रखंडों में 50,000 से ज्यादा प्रभावित
जिले में आई इस बाढ़ से चार प्रखंडों में 50,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, प्रशासन को उम्मीद है कि अब स्थिति में सुधार हो सकता है क्योंकि स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर कम होने लगा है। रविवार को सुबह 10 बजे राजघाट में जलस्तर खतरे के निशान 10.36 मीटर के मुकाबले 9.94 मीटर था। नदी का जलस्तर शनिवार को 11 मीटर से ज्यादा था।
गांवों और खेतों में पानी भरा
अधिकारियों के मुताबिक, गांवों और खेतों में पानी भर गया है और स्थिति सामान्य होने में चार-पांच दिन लग सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की मदद के लिए अग्निशमन सेवा (पांच टीमें), ओडीआरएएफ (तीन टीमें), एनडीआरएफ की एक टीम और नाव तैनात की हैं।
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नाव से यात्रा कर रहे लोग
बाढ़ में डूबे गांवों के लिए अब नाव ही संचार का एकमात्र साधन हैं। इस बीच, प्रभावित गांवों के कई लोग नदी के तटबंधों पर चले गए हैं। बालासोर के कलेक्टर सूर्यवंशी मयूर विकास ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर बताया कि आशा कार्यकर्ता भोगराई और अन्य क्षेत्रों के 28 गांवों में ओआरएस और हैलोजन टैबलेट बांट रही हैं। सभी प्राथमिक उपचार केंद्र, उपकेंद्र और आशा स्तर पर दवाएं उपलब्ध हैं।
साथ ही कलेक्टर सूर्यवंशी ने खंड विकास अधिकारियों और तहसीलदारों को निर्देश दिया कि अगर जरूरत हो तो लोगों को निकालने के लिए तैयार रहें। अधिकारी ने बताया कि बीडीओ को प्रभावित लोगों के बीच सूखा खाद्य पदार्थ बांटने के लिए भी कहा गया है। मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी को जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने और स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।