भारत एक ऐसा लोकतांत्रिक देश है जहां धार्मिक प्रथाएं साथ-साथ चलती हैं। ऐसा ही कुछ हाल ही में ओडिशा के बरगढ़ जिले में देखने को मिला। ओडिशा के ऐतिहासिक धनु जात्रा उत्सव में मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी शामिल हुए। इस मौके पर मोहन चरण माझी 'राक्षस राजा कंस' के दरबार में पेश हुए और कंस ने उनसे विकास के लिए किए गए कार्यों के बारे में पूछा। इस पर सीएम मोहन चरण माझी ने बताया कि 1362 करोड़ की लागत वाली 123 परियोजनाएं  शुर की गई हैं। इस पर कंस ने संतुष्टि जताई। अब यह मामला भले ही अजीबो-गरीब लगे लेकिन इस सांकेतिक घटना का पुराना सांस्कृतिक महत्व है।

 

हर साल ओडिशा के बरगढ़ में विश्व प्रसिद्ध धनु जात्रा का आयोजन होता है। 11 दिन चलने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत इस बार 24 दिसंबर से हुई है। मुख्य रूप से यह मेला कृष्ण-कंस की कहानी पर आधारित होता है। ओपन-एयर थिएटर में कई नाटकों का मंचन किया जाता है। शहर के अलग-अलग इलाकों और सड़कों तक पर इस तरह का मंचन होता है और भगवान कृष्ण और कंस की कहानी दिखाई जाती है। इस दौरान हर जगह आपको अट्टहास करता हुआ कंस दिखाई पड़ सकता है। दरअसल, धार्मिक मान्यताएं हैं कि कंस बरगढ़ का ही राजा था। ऐसे में जब नाटक का मंचन होता है को 'राजा' पारंपरिक रूप से मुख्यमंत्री को भी बुलावा भेजता है। 11 दिन के इस कार्यक्रम के दौरान यहां की गलियों को मथुरा मान लिया जाता है और जीरा नदी को यमुना मान लिया जाता है। 

 

CM पहुंचे तो क्या हुआ?

 

इसी 'धनु जात्रा' के तहत हाथी पर सवार होकर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी कंस के ‘दरबार’ के तौर पर बनाए गए मंच पर पहुंचे जहां कंस ने उनसे मथुरा नगरी के विकास के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा। बरगढ़ को मथुरा के रूप में दर्शाया जाता है, जहां (मथुरा) भगवान कृष्ण ने लीलाएं की थीं। इस पर मुख्यमंत्री माझी ने बताया कि 1,362 करोड़ रुपये की लागत वाली 123 विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं और करीब 380 करोड़ रुपये की लागत वाली चार नई परियोजनाओं की घोषणा की गई है। 

 

मुख्यमंत्री ने कंस को बताया कि जिले में 980.58 करोड़ रुपये की लागत वाली 85 परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है जबकि 382.26 करोड़ रुपये की लागत वाली 38 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है। माझी ने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए ‘सुभद्रा योजना’ शुरू की हैं, जिसके तहत बरगढ़ की 3,41,614 महिलाओं को प्रति वर्ष 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। इस पर कंस ने मुख्यमंत्री के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया।

मोहन चरण माझी ने क्या कहा?

 

इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर मोहन चरण माझी ने लिखा, 'माननीय प्रधानमंत्री के मंत्र 'विकास ही, विरासत भी' के रास्ते पर चलते हुए हम ओडिशा की सांस्कृतिक इकॉनमी को और मजबूत कर रहे हैं। धनु यात्रा हमारी आध्यात्मिक चेतना और सामाजिक जीवन का एक शानदार संगम है। हमारी सरकार के लिए उड़िया अस्मिता सिर्फ आदर्श भर नहीं, हमारी सरकार और हमारे प्रशासन का अभिन्न हिस्सा है।'