पंजाब के गुरुदासपुर जिले में दो पाकिस्तानी जासूसों की गिरफ्तारी हुई है। पंजाब पुलिस ने सोमवार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संवेदनशील सैन्य जानकारी शेयर करने के आरोप में दोनों लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले हरियाणा में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा सहित 6 लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में अरेस्ट किया गया था। ज्योति दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में काम कर रहे एक अधिकारी के संपर्क में थी।

 

दोनों पाकिस्तानी जासूसों की गिरफ्तारी पर जानकारी देते हुए डीआईजी बॉर्डर रेंज सतिंदर सिंह ने कहा कि गुरदासपुर पुलिस ने एक ऐसे मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है जो पाकिस्तान को गुप्त जानकारी लीक कर रहा था। उन्होंने कहा कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही दोनों ने हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हमारे सुरक्षा बलों की गुप्त जानकारी लीक की थी।

 

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15-20 दिनों से पाकिस्तान को जानकारी दे रहे थे

 

डीआईजी बॉर्डर रेंज सतिंदर सिंह ने कहा कि ऐसी गतिविधियों में शामिल लोग पाकिस्तानी जासूस हैं। उन्होंने हमारे देश के साथ विश्वासघात किया है। वे आईएसआई के सीधे संपर्क में थे। आईएसआई ने पहलगाम हमले के बाद उन्हें सक्रिय किया। उनके खातों में एक लाख रुपये भी ट्रांसफर किए गए। वे दोनों गुरदासपुर के हैं। दोनों की उम्र 19-20 साल है। वे ड्रग्स में भी शामिल हैं। वे पिछले 15-20 दिनों से पाकिस्तान को जानकारी साझा कर रहे थे।'

 

 

खुफिया जानकारी से मिले थे संकेत

 

वहीं, पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने जानकारी देते हुए बताया, 'एक अभियान में गुरदासपुर पुलिस ने, संवेदनशील सैन्य जानकारी साझा करने में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार कर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने की कोशिश को नाकाम कर दिया। 

 

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उन्होंने बताया, '15 मई 2025 को मिली विश्वसनीय खुफिया जानकारी से संकेत मिला कि सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित गोपनीय विवरण पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ साझा कर रहे थे। इस सूचना में पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सेना की आवाजाही और प्रमुख रणनीतिक स्थान शामिल थे।'

 

आगे और खुलासे होंगे- डीजीपी

 

उन्होंने बताया कि पुलिस ने दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है और संदिग्धों के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच से खुफिया जानकारी की पुष्टि हुई है। पुलिस टीम ने उनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन और आठ कारतूस (.30 बोर) भी बरामद किए हैं। डीजीपी ने बताया कि शरुआती जांच से पता चला कि आरोपी आईएसआई में अपने आकाओं के कथित तौर पर सीधे संपर्क में थे और उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी। गौरव यादव ने बताया कि जांच जारी है और जैसे-जैसे मामले की तह तक जाएंगे, और खुलासे होंगे।