महाकुंभ नगर क्षेत्र में देश-दुनिया के अति विशिष्ट जन के साथी आम श्रद्धालु लाखों की संख्या में आ रहे हैं। प्रतिदिन 50 लाख से लेकर 1 करोड़ के बीच में श्रद्धालुओं को सुचारू रूप से महाकुंभ नगर क्षेत्र पहुंचाने, आस्था की डुबकी लगवाकर वापस उन्हें अपने गंतव्य तक वापस भेजने में सरकार को चुनौती का सामने करना पड़ा है। प्रशासन की टीम तैनात है लेकिन व्यवस्थाओं को लेकर श्रद्धालुओं में असंतोष बढ़ रहा है।इसकी सबसे बड़ी वजह है कि सही जानकारी श्रद्धालुओं तक समय से नहीं पहुंच रही है। अगर आप आपके गांव वाले परिवार वाले महाकुंभ नगर क्षेत्र में संगम स्नान के लिए ट्रेन से आ रहे तो प्रयागराज के सभी 9 स्टेशन पर यातायात के नियमों की जानकारी अवश्य कर लें क्योंकि महाकुंभ 2025 के दौरान तीर्थयात्रियों के सफर को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय रेल ने व्यापक इंतजाम किए हैं।

 

इसी क्रम में महाकुंभ 2025 के दौरान मुख्य स्नान पर्वों पर उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशनों पर विशेष व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, प्रयागराज छिवकी, नैनी स्टेशनों पर आगामी मुख्य स्नान पर्व- 29 जनवरी मौनी अमावस्या, 3 फरवरी बसंत पंचमी,12 फरवरी माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी महाशिवरात्रि पर यह विशेष व्यवस्था की गई है। स्टेशनों पर यात्रियों के प्रवेश और निकासी के लिए रेलवे स्टेशनों पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे। जो मुख्य स्नान दिवस के एक दिन पहले से मुख्य स्नान दिवस के दो दिन बाद तक लागू रहेगा।

एंट्री-एग्जिट समझिए

 

सबसे पहले अगर आप प्रयागराज जंक्शन पर आ रहे है तो प्रवेश केवल सिटी साइड प्लेटफ़ॉर्म नं.-1 की ओर से दिया जाएगा।और निकास केवल सिविल लाइंस साइड की ओर से होगी। वहीं अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, एटीवीएम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी। साथ ही आरक्षित श्रेणी के यात्रियों को सिटी साइड स्थित गेट नंबर 5 से प्रवेश दिया जाएगा।

 

अगर प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर पहुंच रहे तो प्रवेश केवल प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से दिया जाएगा। निकास के लिए केवल जी.ई. सी नैनी रोड - प्रथम प्रवेश की ओर से दिया जाएगा। वहीं अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।साथ ही आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 2 से प्रवेश दिया जाएगा। टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, एटीवीएम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

 

कहां मिलेगा टिकट?

 

नैनी जंक्शन पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं यात्रियों को प्रवेश केवल स्टेशन रोड से दिया जाएगा। निकास केवल मालगोदाम की ओर येद्वितीय प्रवेश द्वार से दिया जाएगा। अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। वहीं आरक्षित श्रेणी के यात्रियों को गेट नंबर 2 से प्रवेश दिया जाएगा। वहीं सूबेदारगंज स्टेशन पर प्रवेश केवल झलवा - कौशाम्बी रोड की ओर से दिया जाएगा।और निकास केवल जी.टी. रोड की ओर दिया जाएगा। अनारक्षित यात्रियों के लिए यात्री आश्रय की व्यवस्था रहेगी। वहीं आरक्षित श्रेणी के यात्रियों को गेट नंबर 3 से प्रवेश दिया जाएगा।टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, एटीवीएम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

 

बता दें कि रेलवे द्वारा करीब 13,000 से अधिक ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में सुगमता और सुविधा मिलेगी। विशेष ट्रेनों की संख्या में भारी बढ़ोतरी की गई है, ताकि यात्रियों को कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिल सके।

 

शशिकांत त्रिपाठी मुख्य जन संपर्क अधिकारी उत्तर मध्य रेलवे ने बताया कि विशेष रूप से मौनी अमावस्या स्नान पर्व से एक दिन पूर्व से दो दिन बाद तक के मध्य 400 से अधिक आउटवर्ड मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। मुख्य स्नान पर्व के दिन ही प्रयागराज क्षेत्र के सभी स्टेशनों से 150 से अधिक मेला विशेष गाड़ियां चलाई जाएंगी । इसके अतिरिक्त प्रतिदिन लगभग 200 नियमित गाड़ियां यात्रियों को सेवित कर रही हैं। इतना ही नहीं महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए चार दैनिक रिंग रेल सेवाएँ और एक शटल सेवा भी प्रयागराज जंक्शन से अयोध्या के लिए चलाई जाएंगी, जिससे वाराणसी और अन्य प्रमुख शहरों के यात्रियों को भी लाभ होगा। 

 

कलर कोडिंग

 

साथ ही भारतीय रेल देश के विभिन्न हिस्सों से लंबी दूरी की कुम्भ मेला विशेष ट्रेनों का संचालन भी कर रही है। इस दौरान लगभग 800 लंबी दूरी की ट्रेनें 22 राज्यों के 50 से अधिक शहरों से संचालित की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालु महाकुंभ के पवित्र स्नान में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंच सकें। इस संबंध में अमित कुमार सिंह जनसंपर्क अधिकारी प्रयागराज मंडल ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज मण्डल के स्टेशनों पर कलर कोडिंग की व्यवस्था लागू है।

 

मौनी अमावस्या पर देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर दर्शन और स्नान के लिए आएंगे। इस स्नान पर्व पर भीड़ सर्वाधिक होगी। ऐसे में प्रयागराज आने वाले यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर रुकने, ट्रेन पकड़ने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनका टिकट ही उन्हें सबकुछ बता देगा कि उन्हें कहां ट्रेन मिलेगी और कहां पर उन्हें रुकना है।

 

यात्री आश्रय स्थल, टिकट सबकुछ एक रंग में रंगे हुए मिलेंगी। प्रयागराज के आठ रेलवे स्टेशन पर कलर कोडिंग की व्यवस्था होगी। जिस रंग का टिकट होगा उस रंग के लिए एक दिशा तय होगी, यात्री आश्रय स्थल का रंग वैसा होगा और प्लेटफार्म भी उसी अनुसार तय हो जाएगा।

 

सूबेदार गंज छोड़कर प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, छिवकी, नैनी, रामबाग, झूंसी, प्रयाग व फाफामऊ स्टेशन पर लागू होगी। इन स्टेशनों पर चार रंग लाल, नीले, पीला, हरा रंग के चार यात्री शेड बनाए गए हैं। जिस रंग का टिकट होगा, उसी रंग के आश्रय स्थल में यात्रियों को जाना होगा। यात्री आश्रय स्थल में जहां पर यात्री होंगे वहीं पर रेलकर्मी मोबाइल टिकटिंग मशीन से उन्हें टिकट उपलब्ध करा देंगे। जबकि यूटीएस मोबाइल एप से भी टिकट आसानी से लिया जा सकेगा।

 

सभी आश्रयों में खानपान स्टाल, उद्घोषणा और पूछताछ काउंटर, प्राथमिक चिकित्सा, पेयजल एवं सार्वजानिक शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध रहेंगी । इसके साथ हीी विशेष स्थिति में प्रयागराज जक्शन के सामने भी एक विशाल यात्री होल्डिंग क्षेत्र बनाया गया है। जहांं एक लाख श्रद्धालुओं को ठहराया जा सकता है।