महाराष्ट्र के परभणी में आज सुबह से ही हंगामा मचा हुआ है। डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा और संविधान की प्रति के कथित अपमान को लेकर लोग सड़क पर उतर आए और जमकर हंगामा हुआ। सोशल मीडिया पर सामने आए कई वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की और कई जगहों पर आगजनी भी। पथराव और आगजनी के चलते पूरे शहर में अशांति फैल गई थी। इन घटनाओं में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। स्थिति बिगड़ते देख स्थानीय प्रशासन ने इलाके में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 लागू करके अतिरिक्त पुलिस बल को वहां तैनात कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने मांग उठाई है कि इस घटना के दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।
रिपोर्ट के मुताबिक, परभणी में जिलाधिकारी के दफ्तर के पास ही एक चौराहे पर भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास संविधान की प्रति स्थापित की गई है। आरोप है कि मंगलावर की शाम को एक शख्स शीशे के बॉक्स को तोड़ दिया और संविधान की प्रतिकृति को भी नुकसान पहुंचाया। इसी को लेकर पूरे इलाके में हंगामा हो गया। बुधवार की सुबह ही स्थानीय लोग प्रदर्शन पर उतर आए। परभणी के विधायक डॉ. राहुल पाटिल ने लोगों से अपील की कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें। उन्होंने लोगों को भरोसा भी दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या बोले अधिकारी?
परभणी में हुई हिंसा के मामले पर जिलाधिकारी रघुनाथ खांडु गावड़े ने कहा, 'हमने यहां पर धारा 163 लागू की है। पुलिस प्रशासन सड़क पर है। स्थिति अब कंट्रोल में है। हमने अतिरिक्त पुलिस बल SRPF भी मंगाई है। मैं आप लोगों के माध्यम से सबसे अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें।' एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ संगठनों ने बंद बुलाया था और इसी बंद के दौरान लोगों ने तोड़फोड़ की। पुलिस ने उपद्रव मचा रहे लोगों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
इस मामले पर कांग्रेस के नेता अतुल लोंधे पाटिल ने कहा, 'मरकड़वाड़ी और अन्य इलाकों में जिस तरह से वोटों की चोरी की गई है और आम जनता रास्ते पर आकर खड़ी हो गई है, उससे ध्यान भटकाने के लिए यह एक साजिश भी हो सकती है, ऐसा हमें लगता है।' पुलिस का कहना है कि इस घटना के संबंध में एक शख्स को गिरफ्तार भी कर लिया गया है और आगे की कार्यवाही की जाएगी। घटना के बारे में परभणी के कार्यवाहक एसपी यशवंत काले ने बताया, 'आज दोपहर 1 बजे प्रदर्शनकारियों ने एक दुकान के बाहर पाइपों में आग लगा दी।'
संविधान के अपमान का हवाला देते हुए वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने कहा, 'परभणी में जातिवादी मराठा उपद्रवियों की तरफ से बाबा साहब की प्रतिमा के साथ लगी भारतीय संविधान की प्रतिमा के साथ की गई तोड़फोड़ बेहद शर्मनाक है। यह पहली बार नहीं है कि बाबा साहब की मूर्ति या दलित अस्मिता के प्रतीक के साथ इस तरह की बर्बरता हुई हो।'