राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी ने SIR को 'सिर्फ दिखावा' करार दिया। साथ ही आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से वोटर लिस्ट से नाम हटाने की एक संगठित साजिश है।
दरअसल, चुनाव आयोग ने कहा है कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के दौरान राज्य में बांग्लादेशी, म्यांमार और नेपाल के लोगों के मिलने की बातें सामने आई हैं। इस मामले पर जब मीडिया ने रविवार को पटना में तेजस्वी यादव से सूत्रों के हवाले से सवाल पूछा, उन्होंने विवादित बयान दिया।
यह भी पढ़ें: Video: मराठी के अपमान का आरोप लगाकर शिवसैनिकों ने ऑटो चालक को पीटा
बीजेपी के चुनाव जीतने पर उठाए सवाल
सूत्रों के हवाले से सवाल पूछे जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा, 'ये सूत्र कौन हैं? ये वही सूत्र हैं जिन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद, कराची और लाहौर पर कब्जा कर लिया गया है। 'ये सूत्र को हम मूत्र समझते हैं।' SIR आखिरी बार 2003 में किया गया था। तब से, हमने कई चुनाव देखे हैं, जिनमें 2014, 2019 और 2024 के चुनाव शामिल हैं। उन चुनावों में हम तीन से चार लाख वोटों से हार गए। क्या इसका मतलब है कि इन सभी विदेशियों ने पीएम मोदी को वोट दिया?'
SIR पूरी तरह से आंखों में धूल झोंकने वाला
उन्होंने आगे कहा, 'इसका साफ मतलब है कि मतदाता सूची में किसी भी संदिग्ध तत्व के नाम जुड़ने के लिए 'एनडीए' दोषी है। इसका मतलब है कि उन्होंने (बीजेपी-जेडीयू) जो भी चुनाव जीते हैं, वे सभी धोखाधड़ी वाले रहे हैं। SIR पूरी तरह से आंखों में धूल झोंकने वाला है। चुनाव आयोग एक राजनीतिक दल के एक सेल के रूप में काम कर रहा है।'
यह भी पढ़ें: 24 घंटे, 3 हत्याएं, बिहार में बेलगाम अपराधी, विपक्ष ने उठाए सवाल
सूत्रों ने पाकिस्तान पर कब्जा करवा दिया था
उन्होंने 'सूत्रों' को लेकर आगे कहा कि चुनाव आयोग से कोई डॉक्यूमेंट या कोई प्रेस नोट या कोई ऐसी बात आई है ये कहा से खबर आई है? हम सूत्र को मूत्र समझ सकते हैं। वेस्ट जो होता है ना, ये वो है इसका कोई आधार नहीं है। ये वही सूत्र है जो पाकिस्तान पर कब्जा करवा दिया था।
बिहार में नया सियासी बवाल
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इन खबरों के आधार पर चुनाव आयोग के सूत्रों पर सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने इन सूत्रों को निराधार बताया। बता दें कि बिहार चुनाव में मतदाता सत्यापन के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड को भी मान्यता देने का आदेश दिया गया है। यह कदम मतदाता सूची को अपडेट करने और उसकी सटीकता सुनिश्चित करने के मकसद से उठाया गया है। चुनाव आयोग के इस कदम ने बिहार की सियासत में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।