उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। महाकुंभ के बीच अब प्रयागराज में बगैर अनुमति के जुलूस या रैली निकालने के साथ-साथ कई तरह की पाबंदी लगा दी गई है। इसे लेकर कमिश्नरेट ने आदेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक, प्रयागराज में 28 फरवरी तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू कर दी है। इसे पहले धारा-144 के नाम से जाना जाता था।

क्यों जारी किया गया आदेश?

महाकुंभ चल ही रहा है। इसी दौरान कर्पूरी ठाकुर जन्म दिवस, गणतंत्र दिवस, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, संत रविदास जयंती, वैलेंटाइन डे, शबे बारात, महाशिवरात्रि समेत कई त्योहार और प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन होगा। आदेश में बताया गया है कि इनकी आड़ में आने वाले समय में कुछ असामाजिक तत्व कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए सांप्रदायिक सौहार्द्र और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 28 फरवरी तक धारा-163 लागू की गई है। 

 

किन चीजों पर रहेगी पाबंदी?

- बगैर अनुमति के किसी भी तरह के जुलूस, रैली, आयोजन, अनशन, धरना, प्रदर्शन या चक्का जाम नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति या संगठन सिविल लाइन्स के अंतर्गत निर्धारित धरना स्थल के अलावा और दूसरी जगह धरना नहीं देगा।


- कोई भी व्यक्ति बगैर अनुमति के ड्रोन नहीं उड़ाएगा। हालांकि, पुलिसकर्मियों को इससे छूट रहेगी। कोई भी व्यक्ति लाठी-डंडा, बल्लम, स्टिक और किसी भी तरह का हथियार लेकर नहीं चलेगा। हालांकि, दिव्यांग, बुजुर्ग और सिखों के कृपाण पर ये नियम लागू नहीं होगा।


- कोई भी ऐसा भाषण नहीं देगा, जिससे किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे। सोशल मीडिया पर भी इस तरह की पोस्ट या अफवाहें नहीं फैलाएगा जिससे माहौल बिगड़ने का खतरा हो। इसके साथ ही भ्रमित करने वाले या किसी को ठेस पहुंचाने वाले गाने बजाने या वीडियो चलाने पर भी पाबंदी रहेगी।


- कोई भी व्यक्ति किसी निजी या सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। दुकानें जबरन बंद नहीं करवाई जाएंगी। किसी सार्वजनिक रास्ते को रोकने की कोशिश नहीं करेगा और न ही किसी सरकारी कर्मचारी के कामकाज में बाधा डालेगा। 

उल्लंघन करने पर क्या?

प्रयागराज में 17 जनवरी से 28 फरवरी तक धारा 163 लागू रहेगी। इस दौरान जमावड़े पर भी रोक रहेगी। अगर कोई भी व्यक्ति इसका उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है। ऐसे मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत केस दर्ज किया जाता है। ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर 1 साल तक जेल या 5 हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।

26 फरवरी को होगा कुंभ का समापन

प्रयागराज में 12 साल बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को हो चुका है। दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होगा। 26 फरवरी को महाकुंभ का समापन होगा।