उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने एक प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में स्थिति बिगड़ने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और ABVP कार्यकर्ताओं को बुरी तरह पीटा गया। छात्रों की पिटाई के वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय पर फर्जी कोर्स में एडमिशन कराने का आरोप लगा रहे ABVP कार्यकर्ताओं का यह विरोध अब बाराबंकी से लखनऊ पहुंच रहा है। कार्यकर्ताओं की पिटाई के विरोध में ABVP ने लखनऊ में प्रदर्शन करने और विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है। 

 

अस्पताल में भर्ती कई छात्रों ने आरोप लगाए हैं कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा जबकि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं, पुलिस का कहना है कि विद्यार्थियों ने एक पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की इसी के बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।

 

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क्या है पूरा विवाद?

 

दरअसल, विद्यार्थियों का आरोप है कि बाराबंकी के श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय ने उनका एडमिशन एक ऐसे लॉ कोर्स में करवा दिया जिसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता ही नहीं मिली है, ऐसे में उनका भविष्य खतरे में आ गया है। पुलिस ने बताया कि इसी को लेकर सोमवार को विद्यार्थी प्रदर्शन कर रहे थे और इस दौरान विद्यार्थियों ने पास की एक पुलिस चौकी और परिसर में तोड़फोड़ की। उसने बताया कि हिसंक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करते दिखाई दे रहे हैं। इस झड़प में कई छात्र घायल हुए हैं। ABVP ने भी यही वीडियो शेयर किया है।

 

 

इस वीडियो के साथ ABVP ने लिखा है, 'विद्यार्थी केवल अपने अधिकारों और भ्रष्टाचार के खिलाफ सच बोल रहे थे, तब उन्हें हिंसा और दमन से रोकना प्रशासन के डर को ही दर्शाता है। शैक्षिक भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के खिलाफ ABVP कार्यकर्ताओं ने जब शांति और लोकतांत्रिक तरीके से आवाज़ उठाई, तभी श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय, लखनऊ प्रशासन ने पुलिस और गुंडों को बुलाकर निर्दोष छात्रों पर लाठीचार्ज करवाया। यह कदम न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या है। छात्रों की जायज मांगों को दबाने की हर कोशिश यह साफ करती है कि भ्रष्टाचार को बचाने के लिए प्रशासन किस हद तक गिर सकता है। छात्र शक्ति की आवाज़ जितनी दबाई जाएगी, उतनी ही बुलंद होकर गूंजेगी।'

 

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पुलिस ने क्या कहा?


बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने बताया, ‘विश्वविद्यालय के कुछ लोगों और छात्रों के बीच झड़प हुई जिससे स्थिति और बिगड़ गई। घायलों का उपचार किया जा रहा है। अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। वीडियो फुटेज की जांच की जा रही है।’ अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तर) विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है। इस बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसके लॉ कोर्स को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से पूरी तरह मान्यता प्राप्त है।

 

विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार प्रोफेसर नीरजा जिंदल ने कुछ लोगों पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से मिली मान्यता को लेकर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है, ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2022–23 के लिए अनुमोदन दस्तावेज अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। विश्वविद्यालय ने 2027 तक संबद्धता शुल्क का भुगतान भी कर दिया है।’ 

 

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इस घटना के पर ABVP के अवध प्रांत के मंत्री पुष्पेंद्र बाजपेई ने एक बयान जारी करके कहा है, 'छात्रों के साथ जो घटना की गई, उसे पूरा प्रदेश देख रहा है। 1 सितंबर की घटना इतिहास में दर्ज हो गई है। हम बाराबंकी के जिला अस्पताल में हैं, यहां हमारे 20 कार्यकर्ता इलाज करा रहे हैं। शिक्षा का बाजारीकरण होगा और अगर उस पर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता आवाज उठाएंगे तो रामस्वरूप विश्वविद्यालय का प्रशासन और यूपी की पुलिस ऐसे विद्यार्थियों को पीटेगी। हम आगाज कर रहे हैं कि आप चाहे जितनी लाठियां भांजो, कल लखनऊ में अपने हक की लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ता दिखेंगे। हम यूपी सरकार और यूपी पुलिस को दिखा देंगे कि अपने हक की लड़ाई लड़ने वाला विद्यार्थी कभी डरकर चुप नहीं बैठेंगे।'