अयोध्या में इस समय स्थानीय निवासी बहुत परेशान चल रहे हैं। घरों में लोगों को बाहर आने नहीं दिया जा रहा है। सब्जी लेने के लिए लोग बाहर नहीं निकल पा रहे है तो वहीं दूधवाला घरों तक दूध नहीं पहुंचा पा रहा हैं। सवाल है कि आखिर अयोध्या में चल क्या रहा है?
दरअसल, अयोध्या में अचानक से श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच गई है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या (29 जनवरी) के मुख्य स्नान के बाद, बड़ी संख्या में भक्त अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पिछले 30 घंटों में लगभग 25 लाख श्रद्धालु राम मंदिर पहुंचे हैं, जिससे शहर की व्यवस्थाओं पर भारी दबाव पड़ा है। इससे यातायात और अन्य व्यवस्थाएं बहुत बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने 5 फरवरी तक सभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी है।
चंपत राय की श्रद्धालुओं से अपील
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अगले 15-20 दिनों तक अयोध्या आने से परहेज करें। बता दें कि शहर की ओर जाने वाली सभी सड़कें श्रद्धालुओं से भरी पड़ी हैं। 20 किलोमीटर तक सड़कों पर लंबा जाम लग रहा है। भीड़ को संभालने में भी अधिकारियों को बहुत दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है।
अयोध्या में ऐसी भीड़ पिछले साल राम मंदिर उद्घाटन के बाद अब तक देखा जा रहा है। शहर की सड़कें और गलियां पूरी तरह से सभी श्रद्धालुओं से खचाखच भरी हुई है। पब्लिक टॉयलेट गंदगी से भर चुकी है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इस भीड़ को नियंत्रित करने में बहुत परेशानी आ रही है। इस परेशानी को देखते हुए प्रशासन ने स्थानीय लोगों से घर के अंदर ही रहने की अपील की है।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें और वीडियो
सोशल मीडिया पर अयोध्या मंदिर के आस-पास की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे है जो इसका सबूत है कि वाकई में वहां के हालात बदतर हो रखे है। सबसे ज्यादा भीड़ राम मंदिर और हनुमानगढ़ी के आस-पास देखने को मिल रहा है। इसके कारण भक्तों को दर्शन करने में बहुत ज्यादा समय लग रहा है।
ऐसी उम्मीद किसी ने नहीं लगाई थी कि मौनी अमावस्या के दौरान अयोध्या में इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंच जाएंगे। भीड़ के कारण कई जगहों पर ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ा। पुलिस लगातार सड़कों और मुख्य चौराहों पर नजर बनाई हुई है।
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'अयोध्या का सुकून खत्म हो गया है'
खबरगांव ने अयोध्या के एक निवासी से वहां के हालात पर खुलकर बातचीत की। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 'अयोध्या में अधिकत्तर लोकल बिजनेसमैन और सरकारी अधिकारी काम से आना-जाना करते हैं। ऐसे में इन्हें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। टेढ़ी बाजार चौराहा से लता चौक तक का रास्ता ऐसा है कि वहां 3-4 किमी पैदल चलना पड़ता है या तो रिक्शा या ऑटो लेना पड़ता है लेकिन भीड़ के कारण ये रास्ता पूरी तरह से जाम हो रखा है। हर जगह पुलिस ने अपनी बैरिकेडिंग लगा रखी है। भीड़ के कारण अब स्थानीय लोगों को हाइवे से घूमकर आना-जाना करना पड़ रहा है यानि की जो सफर 10-12 किमी पूरा हो सकता था वो अब 24 किमी में पूरा हो रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि अयोध्या अब बिजनेस हब बन चुका है। यहां तक की कल्पवास का सिस्टम भी पूरी तरह से खत्म हो गया है। स्थानीय निवासियों ने अपने घरों को प्राइवेट गेस्ट हाउस बना दिया है जिससे अधिक पैसा कमाया जा सकें।'
फरवरी में आए अयोध्या
इस बीच चंपत राय ने कहा, 'आसपास के लोगों और स्थानीय श्रद्धालुओं से हमने कहा है कि फ़िलहाल दर्शनों को 15-20 दिनों के लिए टाल दें ताकि जो लोग दूर से आ रहे हैं वो अच्छे से दर्शन कर सकें. ये सबके लिए अच्छा होगा।' राय ने आगे कहा कि वसंत पंचमी के बाद फरवरी में हालात बेहतर होंगे। लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। मौसम बेहतर रहेगा। अच्छा होगा कि स्थानीय श्रद्धालु उसके बाद यात्रा करें।'
स्थानीय लोगों को हो रही ये दिक्कतें:
सड़कों पर भारी जाम
- शहर की मुख्य सड़कें श्रद्धालुओं और वाहनों से पूरी तरह भर गई हैं।
- स्थानीय लोग ऑफिस, स्कूल और अस्पताल जाने में घंटों फंसे रह रहे हैं।
- अयोध्या से बाहर और अंदर आने वाले बस, ट्रेन और टैक्सी सेवाओं पर भी असर पड़ा है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट ठप
- ई-रिक्शा, ऑटो, और बसें श्रद्धालुओं को ले जाने में व्यस्त हैं, जिससे स्थानीय लोगों को सफर में परेशानी हो रही है।
स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़े
- भीड़ के कारण 5 फरवरी तक स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
- सड़कों पर भीड़ और जाम के कारण एम्बुलेंस और मरीजों को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो गया है।
- कई मरीजों को समय पर मेडिकल फैसिलिटी नहीं मिल पा रही।
- कूड़ा-करकट बढ़ गया है, जिससे सफाई कर्मचारियों को एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ रही है।
- तीर्थ यात्रियों की भारी मौजूदगी के कारण बिजली की डिमांड बढ़ गई है, जिससे लोकल एरिया में बिजली कटौती हो रही है।
महंगाई बढ़ गई है
- खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ गए हैं
- छोटे दुकानदार और स्थानीय लोग जरूरी सामान मंहगे दामों पर खरीदने को मजबूर हैं।
- बाजारों में बाहर से आए यात्रियों की भीड़ इतनी ज्यादा है कि स्थानीय लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए खरीदारी करना मुश्किल हो गया है।
पुलिस और प्रशासन पर दबाव
- लाखों की भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस और प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है।
- सुरक्षा कारणों से कई जगहों पर पुलिस को बैरिकेडिंग लगानी पड़ी है, जिससे आम लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है।
चोरी-चकारी और भीख मांगने वालों की संख्या बढ़ी
- भीड़भाड़ वाले इलाकों में जेबकतरे और फर्जी साधु-संत एक्टिव हो गए हैं।
- भीख मांगने वालों की संख्या भी बढ़ गई है, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है।
प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम
- 5 फरवरी तक स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश।
- यातायात नियंत्रण के लिए पुलिस बल की तैनाती।
- श्रद्धालुओं से अयोध्या न आने की अपील।
- सफाई और पानी की व्यवस्था बढ़ाने के निर्देश।
- एम्बुलेंस और मेडिकल स्टाफ की अतिरिक्त तैनाती।