पंजाब के विजिलेंस विभाग ने बुधवार को राज्य में कई जगहों पर छापेमारी की। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के घर और अन्य ठिकानों पर भी छापे मारे गए और बाद में बिक्रम मजीठिया को गिरफ्तार भी कर लिया गया। बिक्रम मजीठिया और उनके परिवार ने आरोप लगाए हैं कि यह बदले की राजनीति की जा रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) की पंजाब सरकार का कहना है कि नशे के खिलाफ जारी अभियान में सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे आरोपी कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो। अब इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने अपना बयान जारी करके बताया है कि बिक्रम मजीठिया पर क्या आरोप हैं और उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया है। विजिलेंस ब्यूरो ने आरोप लगाए हैं कि ड्रग्स के जरिए कमाए गए 540 करोड़ रुपयों की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है और इसके लिए कई तरीके अपनाए गए हैं।

 

इससे पहले, बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा था कि भगवंत मान की धमकियों से वह डरने वाले नहीं हैं और वह पंजाब के मुद्दों को उठाते रहेंगे। बताते चलें कि बिक्रम सिंह मजीठिया पहले भी ड्रग्स के ही मामले में गिरफ्तार हुए थे और फिलहाल जमानत पर बाहर चल रहे थे। इसी केस पर AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने बिना बिक्रम मजीठिया का नाम लिए ही कहा कि पंजाब में AAP सरकार ने नशे के विरुद्ध जबरदस्त युद्ध छेड़ा हुआ है, कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों ना हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, अकाली दल लगातार हमलावर और उसका आरोप है कि बिक्रम मजीठिया ने AAP सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा था इसीलिए उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जा रही है।

 

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बिक्रम मजीठिया पर क्या आरोप हैं?

 

मजीठिया की गिरफ्तारी के बाद अब विजिलेंस ब्यूरो ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है, 'विशेष जांच दल (SIT) ने इस मामले में जांच की है। इस मामले में पंजाब स्टेट क्राइम एंड विजिलेंस ब्यूरो के थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच में पता चला है कि बिक्रम सिंह मजीठिया की मदद से ड्रग्स के पैसों की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि अलग-अलग तरीकों से कुल 540 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है।'

 

 

इसी बयान में आगे कहा गया है, 'बिक्रम सिंह मजीठिया की कंपनियों के बैंक खातों में 161 करोड़ रुपये मिले हैं, जिनका कोई हिसाब-किताब नहीं है। वहीं, 141 करोड़ रुपये की हेराफेरी संदिग्ध विदेशी ताकतों के जरिए की गई है और कंपनियों के फाइनैंशियल स्टेटमेंट का ब्योरा दिए बिना ही 236 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। इसके अलावा, बिक्रम सिंह मजीठिया ने आय के उचित स्रोत बताए बिना ही कई चल और अचल संपत्तियां भी जुटाई हैं।'

फर्जी कंपनियां बनाने का आरोप

 

बिक्रम मजीठिया के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में सराया इंडस्ट्रीज लिमिटेड नाम की कंपनी का भी जिक्र किया गया है। इसके अलावा, इससे जुड़ी कई कंपनियों का भी जिक्र किया गया है। एफआईआर में आरोप लगाए गए हैं कि 2007 में विधायक और मंत्री बनने के बाद मजीठिया की संपत्ति में तेजी से इजाफा हुआ जो कि उनकी आय के स्रोतों से मेल नहीं खाता है। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि कई कंपनियां सिर्फ पैसों की हेराफेरी करने के लिए ही बनाई गईं और उनमें डमी डायरेक्टर नियुक्त करके बिक्रम सिंह मजीठिया ने उनका कंट्रोल अपने पास रखा।

 

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इसी एफआईआर में कहा गया है कि 2007-08 से 2011-12 के बीच बिक्रम सिंह मजीठिया की कुल कमाई 81,06,675 रुपये थी और बाद में अपने चुनावी एफिडेविट में बिक्रम सिंह मजीठिया ने अपनी और अपनी पत्नी की कुल संपत्ति 2.10 करोड़ बताई। बता दें कि बिक्रम सिंह मजीठिया शिरोमणि अकाली दल (SAD) की नेता हरसिमरत कौर बादल के भाई और सुखबीर बादल के साले हैं।

 

इससे पहले मजीठिया के यहां छापेमारी की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर आई, अकाली नेता और समर्थक उनके आवास के पास पहुंचे और भगवंत मान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मजीठिया के घर की ओर जाने वाली सड़क पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और पुलिसकर्मियों ने किसी को भी बैरिकेड पार करने नहीं दिए। पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) मजीठिया के खिलाफ 2021 के मादक पदार्थ मामले की जांच कर रही है। उन्हें इसी मामले के संबंध में कई बार तलब किया गया और उनसे पूछताछ की गई।