बाबरी मस्जिद की तर्ज पर नई बाबरी मस्जिद बनाने का वादा तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर पर भारी पड़ा है। तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। यह तब हो रहा है, जब ममता बनर्जी, मुर्शिदाबाद जिले के बरहमपुर में एक जनसभा को संबोधित करने वाले थे। उन्होंने शपथ ली थी कि वह बाबरी मस्जिद बनाएंगे। हुमायूं कबीर, भरतपुर से विधायक हैं। पश्चिम बंगाल में शहरी विकास मंत्री  फिरहाद हाकिम ने उन्हें निलंबित करने का एलान किया है। 

फिरहाद हाकिम ने कहा, 'हमने देखा है कि मुर्शिदाबाद से हमारे एक विधायक ने अचानक एलान किया कि वह बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक मस्जिद बनाएगा। अचानक बाबरी मस्जिद क्यों? हमने पहले ही उसे चेतावनी दी थी। हमारी पार्टी ने फैसला किया है कि हम हुमायूं कबीर को निलंबित कर रहे हैं।'

ममता बनर्जी, बरहमपुर में मतदाता सूची की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। वह गुरुवार को एक रैली करने वाली हैं। रैली के महज कुछ घंटे पहले अब हुमायूं कबीर को निकाल दिया गया है। हुमायूं कबीर को अपने निलंबन के बारे में पहले ही जानकारी थी।

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हुमायूं कबीर, निलंबित विधायक, तृणमूल कांग्रेस:-
मैं कल पार्टी छोड़ दूंगा। 22 दिसंबर को मैं एक नई पार्टी की स्थापना करूंगा। हम आने वाले विधानसभा चुनावों में लड़ेंगे।

हुमायूं कबीर, अब पश्चिम बंगाल की 292 सीटों पर अपनी नई पार्टी के प्रत्याशी उतार सकते हैं। मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल का अल्पसंख्यक बाहुल जिला है। हुमायूं कबीर यहां के चर्चित नेता हैं। मुर्शिदाबाद में यह दांव उन्हें ममता बनर्जी पर भारी पड़ सकता है। उनका दावा है कि अल्पंसख्यकों का एक बड़ा तबका, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से खुश नहीं है। हुमायूं के पक्ष में यह बातें जा सकती हैं।

मुर्शिदाबाद में मुस्लिम आबादी करीब 66.27 प्रतिशत है। हिंदुओं की संख्या यहां करीब 33.21 फीसदी है। हुमायूं कबीर, खुद को मुस्लिम चेहरे के तौर पर पेश कर रहे हैं। वह पश्चिम बंगाल में टीएमसी के प्रमुख चेहरों में गिने जाते थे, अब पार्टी ने उनसे विवाद बढ़ने पर किनारा कर लिया।

निलंबित हुए, अब क्या बाबरी बन पाएगी?

हुमायूं कबीर ने कहा है कि वह भले ही पार्टी से निलंबित हो गए हैं लेकिन उनका एजेंडा बाबरी मस्जिद बनाने का है। वह मस्जिद बनाएंगे। उन्होंने कहा है, 'बाबरी को 6 दिसंबर को शहीद किया गया था। उसी दिन बाबरी मस्जिद की नींव पड़ेगी।'

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पार्टी ने निकाल क्यों दिया?

तृणमूल के शीर्ष नेतृत्व उन्हें आगाह किया था कि उनकी पार्टी, किसी ऐसे प्रस्ताव का समर्थन नहीं करती है। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले यह कदम, पार्टी की हिंदू विरोधी छवि को पेश करेगा। बीजेपी पहले से ही इसी मुद्दे पर टीएमसी को घेरती है। ऐसे में टीएमसी ने साफ कह दिया था कि ममता बनर्जी न उनकी पार्टी, ऐसे किसी प्रस्ताव से जुड़ेंगी। 

राज्यपाल ने ममता बनर्जी सरकार को फटकारा था

ममता बनर्जी:-
मुझे फील्ड, इंटेलिजेंस एजेंसियों और नेताओं से जो रिपोर्ट मिली है, उससे पता चलता है कि कोई जानबूझकर मुर्शिदाबाद को स्कैंडल का हब बनाने की कोशिश कर रहा है। इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी।

बंगाल के गवर्नर सी वी आनंद बोस ने राज्य सरकार से सवाल किया था कि अगर हुमायूं कबीर के बयानों से कानून व्यवस्था के सामने चुनौती पैदा हो रही है तो उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है।