केंद्र सरकार कुछ क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल खूब कर रही है। पब्लिक सेक्टर से लेकर ऐविएशन सेक्टर तक यह तकनीक वरदान बनकर आई है। दिलचस्प बात यह है कि अब मेडिकल सेक्टर में भी AI का इस्तेमाल जमकर हो रहा है। यह चिकित्सा क्षेत्र को भी नई दिशा और दिशा देने में मददगार साबित हो रहा है।
शिवसेना सांसद धैर्यशील संभाजीराव माने ने रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा से सवाल किया है कि क्या केमिकल और फर्टिलाइजर सेक्टर में भी AI का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार इसे लेकर कितना तैयार है, किस तरह के ब्लॉक चेन का इस्तेमाल इस सेक्टर में हो रहा है, सरकार की तैयारियां क्या हैं। आइए जानते हैं पहले अहम सवाल क्या हैं?
अहम सवाल क्या हैं?
- सरकार AI की अहमियत जानती है, फार्मास्युटिकल सेक्टर के विकास में AI की भूमिका क्या है?
- सरकार इस तकनीक का इस्तेमाल कैसे कर रही है, इसका ब्यौरा क्या है?
- सरकार AI तकनीक के जरिए फर्माक्युटिकल सेक्टर को कैसे बूस्ट करेगी?
सरकार का जवाब क्या है?
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा है कि सरकार फार्मास्युटिकल सेक्टर को प्रमोट करने के लिए AI का सहारा ले रही है। मशीन लर्निंग तकनीक पर सरकार का जोर है। प्रमोशन ऑफ रिसर्च एंड इनोवेशन इन फार्मा मेडिटेक सेक्टर (PRIP) सरकार की ही पहल है, जिसके तहत मशीन लर्निंग को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। AI आधारित टूल के जरिए बायो टेक्नोलॉजी विभाग भी इस दिशा में कदम उठाने के लिए तैयार है। हेल्थ केयर सेक्टर में भी AI का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि मानवीय संवेदनाओं के साथ कैसे AI का इस्तेमाल किया जाए।
सरकार ने क्या किया है?
रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार फर्माक्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को बूस्ट करने की दिशा में काम कर रही है। सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (PLI) स्कीम के जरिए दवाइयों, रॉ मैटेरियल, मेडिकल डिवाइस लेकर बल्क ड्रग पार्क स्कीम में AI के इस्तेमाल पर काम किया जा रहा है।
AI की जरूरत क्या है?
अमेरिकन हेल्थ एजेंसी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) का कहना है कि AI की मदद से मैन्युफैक्चरिंग एजेंसियां विस्तृत विश्लेषण कर सकती हैं। किसी व्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव, इसके दूसरे खतरे और शरीर पर पड़ने वाले चुनौतियों का आंकलन भी इस तकनीक के जरिए किया जा सकता है। AI की मदद से क्वालिटी कंट्रोल की जा सकती है। AI से एक्युरेट डेटा निकाला जा सकता है। रिसर्च और डेवलेपमेंट सेक्टर में तो इसके व्यापक इस्तेमाल होने शुरू हो गए हैं। इस संबंध में अभी व्यापक संभावना तलाशी जा रही हैं।