केंचुए एक वक्त में नर भी होते हैं और मादा भी। यानी आधे स्त्री, आधे पुरुष। अब सवाल ये उठता है कि क्या केंचुए, खुद से ही प्रजनन कर सकते हैं या किसी पार्टनर की जरूरत पड़ती है? आइए जवाब जानते हैं। प्रकृति रहस्यों से भरी हुई है, जिसके रहस्यमयी जीवों में एक जीव है केंचुआ। अगर केंचुए को इंसानी नियम-कायदों के हिसाब से समझा जाए तो आप ये तय नहीं कर पाएंगे कि केंचुआ नर है या मादा। केंचुआ उभयलिंगी जीव है। वह एक ही वक्त में नर भी है और मादा भी। उसमें नर और मादा दोनों के अंग पाए जाते हैं।
केंचुए में इतनी खूबियां होती हैं कि आप गिन नहीं पाएंगे. केंचुए में फेफड़े नहीं होते हैं। वे अपनी त्वचा के जरिए सांस लेते हैं। ऑक्सीजन और कार्बनडाइ ऑक्साइड तरल के तौर पर केंचुए बाहर कर देते हैं। केंचुए की त्वचा इसलिए ही गीली होती है। केंचुए अगर देख भी न पाएं तो भी वे रोशनी समझ जाते हैं। उनकी त्वचा में ऐसा ऊतक होता है, जो उन्हें प्रकाश देखने में मदद करता है।
क्या खुद से गर्भ धारण कर सकता है केंचुआ?
केंचुआ प्राकृतिक तौर पर ऐसा ही है। उसके पास नर जननांग भी होते हैं और मादा जननांग भी। अब एक सवाल ये है कि क्या केंचुआ सर्वसमर्थ है और खुद से ही गर्भ धारण कर सकता है या नहीं? इस सवाल का जवाब ये है कि केंचुआ ऐसा नहीं कर सकता है। केंचुए को प्रजनन के लिए पार्टनर की जरूरत पड़ती है।
कैसे काम करता है केंचुआ?
हर केंचुए में अंडाणु और शुक्राणु एक साथ बनते हैं। प्रजनन के लिए केंचुए एक दूसरे से लिपट जाते हैं, जिससे शुक्राणु और अंडाणु का वे आदान-प्रदान कर सकें। केंचुए में एक जोड़ी अंडाशय होता है, जहां से अंडाणु पैदा होते हैं।
फिर कैसे होता है केंचुओं का प्रजनन?
प्रजजन की प्रक्रिया के दौरान केंचुए का क्लाइटेलम सक्रिय हो जाता है और मैथुन के बाद अंडों और शुक्राणुओं के लिए कोकून बनाने लगता है। इन कोकून को केंचुए जमीन में छोड़ते हैं, इन्हें कोकून एग भी कहते हैं। जैसे-जैसे अंडे परिपक्व होते हैं, केंचुए विकसित होने लगते हैं और कोकून से बाहर आ जाते हैं।