जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में आज रात 01:44 के भारतीय सेना के संयुक्त मिशन-'ऑपरेशन सिंदूर' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इसके तहत पाकिस्तान और POK में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। इन हमलों में भारतीय सेना ने 'लॉइटरिंग म्यूनिशन' (Loitering Munitions) तकनीक का भी इस्तेमाल किया, जो एडवांस तकनीक और स्वदेशी रूप से विकसित हथियार प्रणाली है।
लॉइटरिंग म्यूनिशन क्या है?
लॉइटरिंग म्यूनिशन, जिन्हें 'कामिकाजे ड्रोन' या 'सुसाइड ड्रोन' भी कहा जाता है, एक प्रकार की स्मार्ट हथियार सिस्टम है जो ड्रोन और मिसाइल की क्षमताओं का मिश्रण है। ये ड्रोन एक निर्धारित क्षेत्र में उड़ते रहते हैं और जैसे ही लक्ष्य दिखाई देता है, उस पर सटीक हमला करते हैं। इस हथियार सिस्टम को सेना का जवान भी नियंत्रित कर सकता है या ये पहले से निर्धारित किए गए लक्ष्य पर अपने आप भी (ऑटोमैटिकली) भी हमला कर किया जा सकता है।
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लॉइटरिंग म्यूनिशन से जुड़ी खास बातें
यह हथियार सिस्टम लंबे समय तक हवा में रहने की क्षमता रखता है। सटीक लक्ष्य भेदने की क्षमता, जिससे कोलेटरल डैमेज कम होता है। इसके साथ यह खुद अपने आपको कंट्रोल कर सकता है या रियल-टाइम नियंत्रण की सुविधा भी इसमें मौजूद है, जिसे कंट्रोल रूम में बैठा जवान भी इस कंट्रोल कर सकता है। साथ ही संवेदनशील लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता।
ऑपरेशन सिंदूर में लॉइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और PoK में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इन हमलों में लॉइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल किया गया, जिससे सटीक और प्रभावी तरीके से आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया गया। इन हमलों में कोई भी पाकिस्तानी सैन्य या व्यवसायिक संसाधनों को निशाना नहीं बनाया गया था।
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भारतीय सेना ने हाल ही में स्वदेशी रूप से विकसित लॉइटरिंग म्यूनिशन सिस्टम्स को अपनाया है। इनमें से कुछ सिस्टम्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम्स का इस्तेमाल किया गया है, जिससे ये सिस्टम्स खुद ही लक्ष्य की पहचान और हमला दोनों कर सकते हैं।