Meta (फेसबुक) के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान Apple पर तीखा हमला किया। जो रोगन के साथ हुई इस बातचीत में उन्होंने एप्पल की नीतियों और प्रोडक्ट को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए। जुकरबर्ग ने एप्पल को नए और इनोवेटिव आइडियाज पर काम न करने के लिए जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि कंपनी केवल आईफोन की सफलता पर निर्भर होकर पैसा कमा रही है।

आईफोन की गिरती मांग के लिए बताया ये वजह

जुकरबर्ग ने आईफोन की आलोचना करते हुए कहा कि स्टीव जॉब्स ने जिस आईफोन का निर्माण किया, कंपनी 20 साल बाद भी उसी प्रोडक्ट के जरिए पैसे कमा रही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कुछ वर्षों में आईफोन की बिक्री में कमी आई है क्योंकि हर नया वर्जन पिछले मॉडल से बहुत ज्यादा अलग या बेहतर नहीं है। उनका मानना है कि यूजर्स अब आईफोन में वह नयापन या इनोवेशन नहीं देख रहे हैं जो पहले हुआ करती थी।

 

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ऐप निर्माताओं से ज्यादा पैसे वसूलने का आरोप

जुकरबर्ग ने यह भी आरोप लगाया कि एप्पल, ऐप निर्माताओं से ज्यादा पैसा वसूल रहा है। उन्होंने कहा कि एप्पल अपने प्लेटफॉर्म पर ऐप निर्माताओं से 30% शुल्क लेता है, जो दूसरी कंपनियों के लिए सही नहीं है। जुकरबर्ग ने इसे डेवलपर्स के लिए नुकसानदेह बताया और इसे एप्पल की गिरती आईफोन बिक्री की भरपाई करने का तरीका करार दिया।

विजन प्रो पर उठाए सवाल

जुकरबर्ग ने एप्पल के हाल ही में लॉन्च किए गए विजन प्रो VR हेडसेट को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि 3,500 डॉलर की कीमत वाला यह प्रोडक्ट मेटा के सस्ते और अधिक किफायती VR हेडसेट जितना अच्छा नहीं है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि एप्पल आने वाले समय में अपने हेडसेट के दूसरे और तीसरे वर्जन को बेहतर बना सकता है।

 

इसके अलावा, जुकरबर्ग ने एप्पल की तकनीक नीति पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब मेटा ने अपने रे-बैन स्मार्ट ग्लास को आईफोन के साथ कनेक्ट करने की कोशिश की, तो एप्पल ने इसे ‘सुरक्षा कारणों’ का हवाला देकर अस्वीकार कर दिया। जुकरबर्ग ने इसे एप्पल के इनोवेशन और तकनीक की आलोचना की और दावा किया कि एप्पल अपने प्रोडक्ट को ही आगे रखता है, जो प्रतिस्पर्धा को दबाने का प्रयास किया।

 

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एप्पल पर इनोवेशन की कमी का आरोप

जुकरबर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि एप्पल अब इनोवेशन में पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी नई तकनीक और विचारों को अपनाने में असफल हो रही है, जबकि मेटा जैसी कंपनियां वर्चुअल रियलिटी और मिक्स्ड रियलिटी जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।