इटली के साइंटिस्ट ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। नेशनल रिसर्च काउंसिल के साइंटिस्ट ने पहली बार प्रकाश को ठोस अवस्था में बदलने का इतिहास रच दिया है। इस उपलब्धि को क्वांटम फिजिक्स में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। पहले के समय में प्रकाश को एक रहस्यमयी चीज माना जाता था।
रिसर्च में क्या?
इस रिसर्च से यह पता चला है कि प्रकाश न केवल तरल की तरह व्यवहार कर सकता है बल्कि इसे एक ठोस अवस्था में भी बदल सकता है। केवल ठोस ही नहीं बल्कि अब तक के एक्सपेरिमेंट ने यह भी साबित कर दिया है कि प्रकाश तरल पर्दाथ की तरह प्रवाहित भी हो सकता है। इस बार वैज्ञानिकों ने इसे एक नयी अवस्था में बदला है जिसे क्वांटम सुपरसॉलिड नाम दिया गया है।
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सुपरसॉलिड क्या?
दरअसल, सुपरसॉलिड एक दुर्लभ क्वांटम स्थिति है जिसे प्राप्त करना बहुत मुश्किल माना जाता था। नए रिसर्च के बाद सुपरसॉलिड अवस्था सामान्य परिस्थितियों में भी बनाई जा सकती है। बता दें कि इस प्रयोग का इस्तेमाल उन्नत कंप्यूटर, क्वांटम कम्यूनिकेशन और नई प्रकार की सामाग्री विकसित करने में किया जा सकता है।
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आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर
बता दें कि इस एक्सपेरिमेंट से आम आदमी की जिंदगी पर भी प्रभाव पड़ेगा। इस खोज से क्वांटम कंप्यूटर के विकास में मदद मिलेगी। सेकंडों में सभी समस्याएं हल किया जा सकता हैं, जिससे वित्त, साइबर सुरक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान में बड़ा बदलाव आ सकता है। भविष्य में आम लोग बेहतर AI और स्मार्ट टेक का फायदा उठा पाएंगे। इसके अलावा सुपरफास्ट इंटरनेट, उन्नत मेडिकल तकनीक और इलाज और अंतरिक्ष अनुसंधान में मदद मिलेगी।