भारत ने एक बार फिर अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल की है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को जानकारी दी कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- ISRO ने अपने SpaDeX मिशन (Space Docking Experiment) के तहत दूसरी बार सैटेलाइट्स की सफलतापूर्वक डॉकिंग की है। यह उपलब्धि आने वाले समय में अंतरिक्ष में और बड़ी योजनाओं में और भी मददगार साबित हो सकता है।

SpaDeX मिशन की शुरुआत

इस मिशन की शुरुआत 30 दिसंबर 2024 को हुई थी, जब PSLV-C60 रॉकेट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन से लॉन्च किया गया था। इस रॉकेट के साथ दो छोटे सैटेलाइट—SDX01 (चेसर) और SDX02 (टारगेट- के अलावा 24 अन्य सैटेलाइट भी भेजे गए थे। लॉन्च के लगभग 15 मिनट बाद सभी सैटेलाइट्स को 475 किलोमीटर ऊंचाई सफलतापूर्वक स्थापित किया गया।

 

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पहला डॉकिंग टेस्ट

ISRO ने पहली बार 16 जनवरी 2025 को सुबह 6:20 बजे सैटेलाइट्स की डॉकिंग यानी आपस में जुड़ने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरी की थी। इससे पहले 12 जनवरी को एक अभ्यास के तहत दोनों सैटेलाइट्स को आपस में तीन मीटर की दूरी तक लाया गया था, जिससे डॉकिंग के लिए तैयारी की जा सके। यह टेस्ट भी पूरी तरह से सफल रहा।

 

इसके बाद 13 मार्च 2025 को सुबह 9:20 बजे इन सैटेलाइट्स को सुरक्षित तरह से अलग यानी अनडॉक भी कर दिया गया। अब इस मिशन के तहत आने वाले दो हफ्तों में और टेस्ट किए जाने की योजना है।

क्या है SpaDeX मिशन?

ISRO का SpaDeX मिशन एक प्रयोग है, जिसका काम अंतरिक्ष में छोटे सैटेलाइट्स के जरिए डॉकिंग की प्रक्रिया को कम लागत में सफल बनाना है। इस तकनीक की मदद से आने वाले समय में स्पेस स्टेशन में फिर इस्तेमाल होने वाले यान और मरम्मत के काम जैसी चीजों में भारत आत्मनिर्भर हो सकता है।