आजकल कई डेटिंग ऐप कंपनियां जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Gen-AI) को अपने प्लेटफॉर्म में शामिल करने को लेकर बहुत उत्साहित हैं। बंबल ऐप की संस्थापक व्हिटनी वोल्फ हर्ड का मानना है कि जनरेटिव AI की मदद से अच्छा और कॉमन मैच बनाना आसान होगा। उनका कहना है कि आने वाले समय में लोग अपने लिए AI डेटिंग कंसीयर्ज (एक तरह का डिजिटल सहायक) रख सकेंगे, जो उनके लिए संभावित साथियों के AI असिस्टेंट से बात करेगा और दोनों के बीच की योग्यता जांचेगा।
इसी दिशा में ग्राइंडर ऐप एक AI विंगमैन बना रहा है, जिसे 2027 तक शुरू करने की योजना है। वहीं, मैच ग्रुप, जो Tinder, Hinge और OK Cupid जैसे बड़े डेटिंग ऐप का मालिक है, वह भी इस तकनीक को लेकर काफी रुचि दिखा रहा है। उनका मानना है कि AI के इनोवेशन से ऐप पर और अच्छा अनुभव हो सकता है।
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AI टूल्स को जेन-जी मानते हैं आसान
आज कई AI टूल्स ऐसे हैं जो आपकी तस्वीरों को बेहतर बना सकते हैं, आपकी प्रोफाइल के लिए आकर्षक बायो लिख सकते हैं और यहां तक कि चैट हिस्ट्री देखकर आपको जवाब देने के तरीके भी सुझा सकते हैं।
Cosmopolitan मैगजीन और Bumble द्वारा किए गए एक सर्वे में यह पाया गया कि 69 प्रतिशत जेन-जी और मिलेनियल्स AI को डेटिंग को आसान और कारगर बनाने के लिए उत्साहित हैं। वहीं 86 प्रतिशत पुरुष और 77 प्रतिशत महिलाएं यह मानती हैं कि वह अपनी चैट हिस्ट्री AI को दिखाने के लिए तैयार हैं ताकि वह उनके लिए बेहतर बातचीत के सुझाव दे सके।
दरअसल, अब लोग ‘डेटिंग ऐप फटीग’ का सामना कर रहे हैं जिसका मतलब है बार-बार प्रोफाइल देखना, बात करना और फिर रिश्ता न बनना- इससे लोग ऊब गए हैं। इसलिए वह अब चाह रहे हैं कि कोई तकनीक उनका बोझ थोड़ा कम करे।
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क्या हो सकती है परेशानी
हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि AI को डेटिंग से जोड़ना और हर रिश्ते को तकनीक से हल करने की कोशिश करते हैं, तो हम धीरे-धीरे भावनात्क जुड़ाव की कला को खो सकते हैं। अगर AI हमारी बातचीत को कंट्रोल करने लगे, तो हम खुद से जवाब देना भूल सकते हैं।
इसके अलावा, कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि AI वही सीखेगा जो उसे दिखाया गया है- यानी वही पुराने डेटिंग ट्रेंड जैसे ‘लुक्स पर जोर देना’, ‘मजेदार बातचीत का कौशल’ या ‘फ्लर्टिंग की कला’। यह सभी बातें कई लोगों के लिए तनाव पैदा करती हैं लेकिन AI इन्हीं को दोहराएगा। इस वजह से उन्हें सुझाव दिया जाता है कि ऐसे में कंपनियों को चाहिये कि वह केवल हाई-टेक फीचर्स लाने की बजाय डेटिंग को साधारण, सच्चा और भावनात्मक रूप से जुड़ाव वाला बनाएं। जैसे ऐप की कीमतों को पारदर्शी बनाना, ईमानदारी को बढ़ावा देना या 'स्वाइप' कल्चर की जगह कोई नया तरीका अपनाना।