सोशल मीडिया की दुनिया में फेसबुक सबसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म बन चुका है। डिजिटल होती दुनिया के साथ ही साइबर क्राइम के मामलों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। ठगी करने के लिए सबसे ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। आजकल अपराधियों ने फेसबुक के जरिए ठगी करनी शुरू कर दी है। ये अपराधी आपके किसी रिश्तेदार या फिर दोस्त की फेक आईडी बनाकर आपसे ठगी कर सकते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि फेसबुक से हो रही ठगी से आप खुद को कैसे बचा सकते हैं?

धोखाधड़ी कैसे होती है?

साइबर अपराधी धोखाधड़ी करने के लिए लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट जैसा ही एक फर्जी अकाउंट बनाते हैं। वो उस फर्जी अकाउंट से उस व्यक्ति की फ्रेंड लिस्ट में मौजूद लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। जिस व्यक्ति का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया जाता है, उनके नाम से उनके दोस्तों को मैसेज भेजकर, भावनात्मक वजहें बताकर पैसों या अन्य किसी तरह की मदद की मांग की जाती है।

 

इसके लिए साइबर अपराधी फेसबुक मैसेंजर का भी इस्तेमाल करते हैं। वे पैसों के लेन-देन के लिए फोनपे, गूगल पे, पेटीएम या बैंक अकाउंट नंबर भी देते हैं। जो दोस्त बिना किसी जांच-पड़ताल के तुरंत पैसे भेज देते हैं, वे आसानी से इस जाल में फंस जाते हैं।

 

कई बार फेसबुक पर किसी मशहूर व्यक्ति के नाम से भी फर्जी अकाउंट बनाया जाता है और भावनात्मक अपील करके पैसे मांगे जाते हैं। कभी-कभी नकली एनजीओ का अकाउंट बनाकर दान के नाम पर भी आर्थिक धोखाधड़ी की जाती है। एक बार जब अपराधियों को पैसा मिल जाता है, तो वह व्यक्ति और वह फर्जी संस्था अचानक गायब हो जाते हैं।


धोखाधड़ी से कैसे बचें?

सोशल मीडिया अकाउंट पर निजी जानकारी केवल दोस्तों तक ही सीमित रखें, इसे सार्वजनिक न करें। अपने सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड बनाते समय अक्षरों, अंकों और विशेष चिन्हों का इस्तेमाल जरूर करें और इसे किसी के साथ शेयर न करें।

 

अपने फेसबुक अकाउंट का पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें और प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर अपनी प्रोफाइल लॉक कर लें। यदि किसी मशहूर व्यक्ति की तरफ से नई फ्रेंड रिक्वेस्ट आए, तो उस प्रोफ़ाइल की अच्छी तरह से जांच कर लें। किसी भी स्थिति में सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति को ऑनलाइन पैसे न भेजें। यदि आपसे फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए पैसे मांगे जाते है, तो आपको पैसे देने से पहले उस व्यक्ति को फोन करके या मिलकर इस बात की जांच कर लेनी चाहिए कि उन्हीं ने पैसे मांगे हैं।

 

अगर आपको अपनी फ्रेंड लिस्ट में से किसी भी दोस्त का कोई फर्जी अकाउंट दिखता है तो तुरंत उस अकाउंट को ब्लॉक करें। साथ में उस दोस्त को इसकी जानकारी दें। आपको उस प्रोफ़ाइल पर जाकर रिपोर्ट पर क्लिक करना चाहिए और फिर फर्जी प्रोफ़ाइल का विकल्प चुनकर इसे फेसबुक को रिपोर्ट करना चाहिए क्योंकि यह साइबर अपराधियों की चाल हो सकती है।

शिकार हो जाएं तो क्या करें?

अगर आपको पता चलता है कि आप ऐसी किसी ऑनलाइन धोखे का शिकार हो गए हैं, तो आपको तुरंत पुलिस की मदद लेनी चाहिए। साथ ही, अपने फ्रेंड लिस्ट के लोगों को सोशल मीडिया के जरिए सतर्क करना चाहिए, जिससे वह लोग इस तरह की धोखाधड़ी से बच जाएं। किसी फर्जी फेसबुक अकाउंट को बंद करवाने के लिए उसकी रिपोर्ट करें और अपने दोस्तों से भी उस अकाउंट को रिपोर्ट करने के लिए कहें। इससे फेसबुक उस अकाउंट पर ध्यान देगा और उसे बंद कर देगा। अपने बैंक अकाउंट से हुए सभी लेन-देन का रिकॉर्ड रखें, जिस दिन आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाले जाएं उस दिन का बैंक स्टेटमेंट भी निकाल लें। बैंक स्टेटमेंट में उस लेन-देन का नंबर होता है जो आगे की कार्रवाई के लिए आपके और पुलिस के काम आ सकता है। 

 

आपको उस लेन-देन और उस व्यक्ति के साथ हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट भी संभालकर रखने चाहिए, जिसे आपने पैसे भेजे थे। वित्तीय लेन-देन के दौरान जिस बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, उस बैंक को तुरंत इस धोखाधड़ी की सूचना दें। ताकि बैंक अपनी प्रक्रिया के अनुसार आगे की कार्रवाई कर सके और यह सुनिश्चित कर सके कि आपको आगे कोई और नुकसान न हो।

 

साथ ही, आपको तत्काल नेट बैंकिंग भी बंद कर देनी चाहिए और बैंक अधिकारियों व पुलिस से आगे के निर्देश मिलने तक इसे फिर से इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। साइबर अपराधियों के द्वारा की जाने वाली इस प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी का कोई भी शिकार हो सकता है। यदि आपका कोई परिवार का सदस्य या परिचित इस तरह के साइबर हमले का शिकार हो जाए, तो उसकी मदद जरूर करें।