इंटरनेट ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है। इससे घर बैठे शॉपिंग कर सकते हैं, बिल भर सकते हैं और पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि, जितनी सुविधाएं बढ़ी हैं, उतना ही ऑनलाइन ठगी का खतरा भी बढ़ गया है।
खासकर, जब कोई चीज बहुत सस्ते दामों पर ऑफर की जाती है, तो लोग बिना ज्यादा सोचे-समझे उसे खरीदने की कोशिश करते हैं और ठगों के जाल में फंस जाते हैं। यह ठगी कई तरीकों से की जाती है और लोग पैसे गवां बैठते हैं।
कैसे किया जाता है ऑनलाइन फ्रॉड?
ऑनलाइन ठगी करने वाले आमतौर पर 'अच्छी डील' या 'भारी छूट' का लालच देकर लोगों को फंसाते हैं। वे सोशल मीडिया, फर्जी वेबसाइटों, नकली ई-कॉमर्स साइटों, फर्जी विज्ञापनों और ईमेल के जरिए लोगों को लुभाते हैं।
नकली वेबसाइट और विज्ञापन
ठग अक्सर बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे Amazon, Flipkart, Myntra जैसी साइटों की नकल करके नकली वेबसाइट बनाते हैं। इन वेबसाइटों पर बहुत महंगे सामानों को बेहद सस्ते दामों पर दिखाया जाता है। जब कोई ग्राहक ऑर्डर करता है और पैसे ट्रांसफर करता है, तो या तो उसे घटिया सामान भेजा जाता है या फिर पैसा लेकर कोई सामान नहीं भेजा जाता।
यह भी पढ़ें: बेचे जा रहे हैं साइबर गुलाम, भारत से म्यांमार तक फैला है नेटवर्क
सोशल मीडिया और व्हाट्सएप स्कैम
कई बार फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर नकली ऑफर्स वाले विज्ञापन दिखाए जाते हैं, जिनमें '50% से 80% छूट' का लालच दिया जाता है। लोग इन ads पर क्लिक करके पेमेंट कर देते हैं। फिर न ही कोई डिलीवरी होती है और न ही उनके पैसे वापस मिलते हैं।
फर्जी कॉल और फिशिंग ईमेल
कुछ साइबर फ्रॉड ईमेल या कॉल करके खुद को किसी बड़े बैंक, कंपनी या ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट का कर्मचारी बताकर आपको झूठे ऑफर देते हैं। वे कहते हैं कि आपको एक विशेष छूट या कैशबैक मिल सकता है, बस अपने बैंक डिटेल्स या OTP साझा करें। जैसे ही आप जानकारी देते हैं, वे आपके बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के तरीके
अगर कोई डील बहुत अच्छी लगे, तो सावधान रहें
कोई भी कंपनी या दुकानदार भारी नुकसान उठाकर सामान नहीं बेचता। किसी वेबसाइट पर यदि बहुत महंगे सामान असामान्य तरीके से सस्ते मिल रहे हैं, तो ऐसी संभावना हो सकती है वह ठगी का मामला हो सकता है।
हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से ही खरीदारी करें
कोई भी खरीदारी करने से पहले वेबसाइट का URL ध्यान से देखें। वह यदि अजीब सा लगे या उसमें कोई स्पेलिंग मिस्टेक हो, तो उसे तुरंत छोड़ दें। अमेजन, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा जैसी वेबसाइट के नाम से मिलती-जुलती फर्जी साइटें बनाई जाती हैं, जैसे कि amazonn.in या flipkart-sale.com।
पेमेंट के समय सावधानी बरतें
किसी भी अनजान व्यक्ति या वेबसाइट पर डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर या UPI पेमेंट करने से बचें। हमेशा COD (कैश ऑन डिलीवरी) का विकल्प चुनें या भरोसेमंद पेमेंट गेटवे का उपयोग करें।
किसी से भी अपने OTP और बैंक डिटेल्स साझा न करें
बैंक, ई-कॉमर्स साइट या अन्य कोई भी कंपनी कभी भी फोन पर OTP या पासवर्ड नहीं मांगती। कोई यदि ऐसा करने की कोशिश करे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
यह भी पढ़ें: सावधान! ऑनलाइन गेम खेलते-खेलते कहीं लुट न जाएं, ऐसे करें बचाव
रिव्यू और रेटिंग जरूर देखें
किसी भी वेबसाइट या विक्रेता से खरीदारी करने से पहले उसकी रेटिंग और ग्राहकों के रिव्यू पढ़ें। यदि वेबसाइट पर कोई संपर्क नंबर या ग्राहक सेवा नहीं दी गई है, तो वह फर्जी हो सकती है।
सोशल मीडिया विज्ञापनों से बचें
फेसबुक, इंस्टाग्राम या व्हाट्सएप पर आने वाले बेहद आकर्षक ऑफर्स को नजरअंदाज करें। इनमें से ज्यादातर नकली होते हैं और आपको ठगने के लिए बनाए जाते हैं।
सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर और अलर्ट का उपयोग करें
अपने मोबाइल और कंप्यूटर में अच्छा एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर रखें जो नकली वेबसाइटों को ब्लॉक कर सके। बैंकिंग ट्रांजैक्शन के लिए SMS या ईमेल अलर्ट चालू रखें ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत मिल सके।