कोलकाता पुलिस ने इनकम टैक्स ऑफिसर बन फर्जी रेड मारने वाले एक गैंग का खुलासा किया है। इस गैंग के लोगों ने हाल ही में कोलकाता के एक व्यापारी के घर में फर्जी तरीके से छापे मारी कर सोने के गहने और कैश लूट कर ले गए थे। इस गिरोह में कुल 8 लोग शामिल थे। जिनमें 5 केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवान भी शामिल थे। पुलिस ने बताया कि यह लोग व्यापारी के घर में घुस कर घर के सभी सदस्यों के मोबाईल जब्त कर लिए। सूबत मिटाने के लिए घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का  डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर निकालकर अपने साथ ले गए थे।

 

आरोपी लंबा हाथ मारने के चक्कर में कोलकाता के व्यापारी विनोद सिंह की बेटी  विनीता सिंह के घर इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर पहुंचे थे। मोबाइल फोन जब्त करने के बाद आरोपी विनीता सिंह की मां के कमरे में पहुंचे और वहां से 3 लाख के करीब कैश बरामद कर जब्त कर लिया। जब आरोपी, विनीता सिंह की दूसरी मां के कमरे में पहुंचे तो वहां से उन लोगों ने कुछ भी नहीं लिया। यह बात विनीता को संदिग्ध लगी। इसके बाद उन्होंने बागुईहाटी थाने में शिकायत दर्ज कराई। 

 

यह भी पढ़ें: 24% ही क्यों? वह फॉर्मूला जिससे 1 से 1.24 लाख हुई सांसदों की सैलरी

कैस दिया घटना को अंजाम

पुलिस के अनुसार, 18 मार्च को चिनार पार्क इलाके में स्थित विनीता सिंह के घर 8 लोग फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बन पहुंच गए। विनीता यहां अपनी मां और अपनी बेटी के साथ रहती थी। इसी घर में विनीता सिंह की दूसरी मां आरती सिंह भी रहती थी। घर में घुसते ही रेड की बात कही और घर में मौजूद सभी लोगों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए। उसके बाद वे विनीता सिंह की पहली मां के कमरे में घुस गए और वहां से 3 लाख कैश और गहने बरामद कर जब्त कर लिया। जब वे लोग विनीता सिंह की दूसरी मां के कमरे में पहुंचे तो वहां से उन लोगों ने कुछ भी बरामद नहीं किया था।

 

छापेमारी के बाद घर से निकलते वक्त आरोपियों ने कहा कि 1 से 2 घंटे में ऑफिस से आप को फोन किया जाएगा। घटना के 4 से 5 घंटे बीतने के बाद जब विनीता के पास कोई फोन नहीं आया, तो उसे शक हुआ। उसके बाद उन्होंने इनकम टैक्स विभाग से संपर्क किया तो पता चला कि विभाग की ओर से कोई भी छापा नहीं मारा गया है। ऐसे में उन्होंने तुरंत नजदीकी थाना बागुईहाटी में रिपोर्ट दर्ज कराई। 

 

यह भी पढ़ें: 24% ही क्यों? वह फॉर्मूला जिससे 1 से 1.24 लाख हुई सांसदों की सैलरी

क्या रही जांच की प्रक्रिया

पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि  CCTV फुटेज की जांच के बाद घटना में  इस्तेमाल गाड़ी का नंबर ट्रेस किया गया। जांच के आधार पर सबसे पहले गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर दीपक राणा को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने पूरे षड्यंत्र का खुलासा कर दिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी CISF इंस्पेक्टर अमित कुमार सिंह (फरक्का बैराज में तैनात), महिला कांस्टेबल लक्ष्मी कुमारी (RG कर अस्पताल में ड्यूटी पर), कांस्टेबल बिमल थापा, हेड कांस्टेबल रामु सरोज और कांस्टेबल जनार्दन शाह को गिरफ्तार किया। इसके अलावा, विनीता की सौतेली मां आरती सिंह और एक बिचौलिऐ को भी हिरासत में लिया गया है।

 

परिवार से था फर्जी रेड का कनेक्शन

पुलिस की जांच में पता चला कि यह पूरी घटना विनीता और उसकी सौतेली मां आरती सिंह के बीच चल रहे संपत्ति के विवाद को लेकर हुआ था। दरअसल, विनीता सिंह के पिता की मृत्यु के बाद उसका अपनी सौतेली मां आरती सिंह के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरती सिंह ने अपने एक रिश्तेदार के जरिए CISF इंस्पेक्टर अमित कुमार सिंह से संपर्क किया और एक समझौता किया कि छापे में बरामद नगदी को आधे-आध हिस्से में बांटा जाएगा।

पुलिस ने दिया बयान

डीसीपी (एयरपोर्ट ज़ोन) बिधाननगर, आईपीएस ऐश्वर्या सागर ने बताया, 'आरोपी जाते समय परिवार से कह गए थे कि विभाग खुद उनसे संपर्क करेगा। लेकिन चार-पांच घंटे बीतने के बाद जब कोई सूचना नहीं मिली, तो विनीता सिंह को शक हुआ और उन्होंने इनकम टैक्स दफ्तर जाकर पता किया। वहां से साफ हो गया कि यह छापा फर्जी था। इसके बाद पुलिस की जांच शुरू हुई। CCTV फुटेज से पता चला कि आरोपी दो वाहनों-पिकअप वैन और एक बाइक से पहुंचे थे। इसके बाद पिकअप वैन का नंबर ट्रेस कर ड्राइवर को दक्षिण पोर्ट इलाके से पकड़ा गया। पूछताछ में उसने बताया कि उसे एक बिचौलिए ने यह काम सौंपा था। बिचौलिए को न्यू अलीपुर से गिरफ्तार किया गया और पूछताछ में पता चला कि उसने CISF इंस्पेक्टर के कहने पर गाड़ी बुक करवाई थी। इसके बाद फरक्का से CISF इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया गया, फिर अन्य चार CISF कर्मियों को पकड़ा गया। पुलिस इस मामले में और भी जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।'