आमतौर पर देखने को मिलता है कि जहां पुलिस या फिर जांच एजेंसियां छापा मारती हैं, वहां से बरामद किया गया सामान आगे की जांच के लिए कस्टडी में ले लिया जाता है। हाल ही में पाकिस्तान में ठीक इसका उल्टा हुआ है। रिपोर्ट की मानें तो राजधानी इस्लामाबाद में वहां के स्थानीय लोगों ने 'कॉल सेंटर' को लूटने का वीडियो बनाया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने इस कॉल सेंटर में छापा मारा था। बताया जा रहा है कि यह एक चीनी कॉल सेंटर था, जो स्कैम में शामिल था।

 

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोगों की भीड़ को फर्जी कॉल सेंटर में घुसते और लैपटॉप के साथ-साथ दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामानों को लूटते देखा जा रहा है। जिसके हाथ जो लग रहा था वे लूटकर भागते दिखे। जिसके बाद पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वायरल वीडियो में लोगों को लैपटॉप के साथ-साथ मॉनीटर, कंप्यूटर सिस्टम और स्पीकर लेकर कॉल सेंटर से निकलते देखा जा रहा है। 

फर्जी कॉल सेंटर पर पड़ा छापा

एक रिपोर्ट के अनुसार, जांच एजेंसी FIA की साइबर क्राइम सेल ने शनिवार 15 मार्च को एक ऐसे कॉल सेंटर पर छापा मारा था, जिसके बारे में उनके पास रिपोर्ट थी कि वह कॉल सेंटर अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी में शामिल हो सकता है।  रिपोर्ट के मुताबिक, FIA के सूत्रों ने खुलासा किया है कि अधिकारियों को कुछ समय से कॉल सेंटर में अवैध गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल रही थी लेकिन कार्रवाई के लिए वे वरिष्ठ अधिकारियों से मंजूरी का इंतजार कर रहे थे। इस्‍लामाबाद के सेक्‍टर F-11 में पड़े छापे के बाद कुछ ऐसा हुआ, जिसकी उम्‍मीद वहां की पुलिस को भी नहीं थी। एजेंसी की ओर से किए गए ऑपरेशन को पाकिस्‍तान के लोगों ने तमाशे में बदल दिया था।

 

कम सिक्योरिटी का लोगों ने उठाया फायदा

रिपोर्ट्स की मानें तो छापेमारी के दौरान 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें कुछ लोग विदेशी भी थे। कम सिक्योरिटी की वजह से कुछ लोग वहां से भाग निकले। बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान सुरक्षाबलों की कमी को देखते हुए, वहां के स्थानीय लोगों ने कंपनी पर हमला बोल दिया। लोग कंपनी के महंगे गैजेट्स को भी उठाकर ले गए। 

 

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पाकिस्तान की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल

इस मामले ने पाकिस्‍तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। सबसे खास बात यह है कि जिन गैजेट्स को लूटा गया, क्‍या उनमें स्‍टोर डेटा को जांच एजेंसी ने अपने कब्‍जे में ले लिया था? अगर नहीं तो आरोपियों के खिलाफ किस प्रकार से कार्रवाई की जाएगी। हैरान करने वाली बात है कि पाकिस्‍तान में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में कुछ चीनी नागरिक भी शामिल थे।