देश में एक बार फिर अरावली बचाओ आंदोलन ने जोर पकड़ ली है। अरावली पर्वतमाला की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली से गुजरती अरावली को बचाने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। आंदोलन में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। अरावली बचाने को लेकर हुए आंदोलन में कांग्रेस के एक युवा नेता की खूब चर्चा हो रही है। वजह यह है कि उन्होने नरेंद्र मोदी सरकार का जिक्र करते हुए आंदोलन के दौरान खूब रुपये उड़ाए हैं। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। 

कांग्रेस नेता का नाम कार्तिकेय भरद्वाज बताया जा रहा है। कार्तिकेय ने नरेंद्र मोदी सरकार का जिक्र करते हुए 500-500 के नोट हवा में उछाल दिए। कार्तिकेय वायरल वीडियो में कह रहे हैं कि सरकार को अगर पैसे चाहिए तो भारत का युवा पैसे लुटाने को तैयार है लेकिन अरावली न बेची जाए। वह अपनी जेब से पैसे निकालकर उड़ाते हैं, जिसके बाद कई दूसरे लोग भी पैसे उड़ाने लगते हैं। उनके बगल में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे रौनक खत्री भी खड़े हैं। 

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कार्तिकेय भरद्वाज ने क्या कहा?

'ये अरावली तोड़कर पैसे कमा लेंगे। कल को हम सांस नहीं पाएंगे। प्रदूषण इतना फैल जाएगा, हम मर रहे होंगे तो क्या करेंगे इस पैसे का। अरे मोदी जी, आप अडानी जी को बेचकर पैसे ही तो कमाओगे। ये लो पैसे...।'

कौन हैं कार्तिकेय भरद्वाज?

कार्तिकेय भरद्वाज, राजस्थान के कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र भरद्वाज के बेटे हैं। जमकर रील बनाते हैं। सोशल मीडिया पर उनके लाखों प्रशसंक हैं। पुष्पेंद्र भारद्वाज राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष थे। पुष्पेंद्र भारद्वाज खुद को लोक सेवक बताते हैं। वह जयपुर शहर की सांगानेर विधानसभा सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं। अब कार्तिकेय उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

कार्तिकेय उन्हीं के बेटे हैं, सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। रौनक खत्री के साथ उनकी तगड़ी दोस्ती है। उन्होंने सेंट जेवियर्स स्कूलस से पढ़ाई की है। वह महंगे शौक की वजह से चर्चा में रहते हैं। वह गाड़ियों के वीडियो डालते हैं। साल 2024 में एक रील उन्होंने अपलोड की थी, जिसकी वजह से चर्चा में आ गए थे। 

उन्होंने डिप्टी सीएम के बेटे आशु बैरवा के एक रील बना ली थी। दोनों दोस्त हैं, दोनों ने एक खुली जीप में रील बनाई थी। विवाद तब हुआ, जब पुलिस ने उन्हें स्कॉर्ट किया। पुलिस उन्हें सुरक्षा देती है। इसे लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठे थे। 2024 में ट्रैफिक नियम तोड़ने के भी आरोप उन पर लगे।

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क्यों अरावली के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं लोग?

सुप्रीम कोर्ट ने अरावली की एक नई परिभाषा स्वीकार की है, जिसे लेकर हंगामा बरपा है। अब केवल आसपास के धरातल से 100 मीटर या इससे अधिक ऊंची पहाड़ियों को ही 'अरावली पहाड़ी' माना जाएगा। 

पर्यावरणविदों और विपक्ष का कहना है कि इससे राजस्थान और हरियाणा में अरावली का 90 फीसदी हिस्सा संरक्षण से बाहर हो जाएगा, जिससे अवैध खनन, रियल एस्टेट और प्रदूषण बढ़ेगा। 

अरावली थार मरुस्थल से आने वाली हवाओं को रोकती है। पानी का एक बड़ा स्रोत अरावली में है, यह वाटर रिचार्ज की तरह काम करती है। अगर पहाड़ियां कटीं तो जल संकट भी पैदा हो सकता है। दिल्ली-एनसीआर की हवा साफ रखने के लिए भी अरावली जरूरी है। सरकार के खिलाफ आम नागिरक भी मुखर होकर विरोध कर रहे हैं।

अब सरकार ने क्या कदम उठाया है?

सरकार ने राज्य सरकारों को अरावली में नए खनन पट्टे देने से रोक दिया है। सरकार का कहना है कि अरावली की पहाड़ियों के संरक्षण के लिए अधिकारी प्रतिबद्ध हैं। केंद्रीय प्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राज्यों को अरावली में किसी भी तरह के खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।